जल जीवन मिशन योजना: तीन वर्ष बाद भी लोगों को नहीं मिल रहा पानी

० विभागीय लापरवाही उजागर, मीटिंग में गांवों तक पहुंचाया जा रहा पेयजल

नवभारत न्यूज

सीधी 11 मार्च। जिले में भारत सरकार की योजना जल जीवन मिशन विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। बीते तीन वर्षो से इस योजना में कार्य संचालित हो रहे है बावजूद इसके जमीनी हकीकत देखी जाय तो पीएचई विभाग के मात्र 40 फीसदी ही कार्य पूर्ण हुए है। जबकि पोर्टल में दर्ज आंकड़ों के अनुसार विभाग 50 प्रतिशत से ज्यादा बता रहा है।

वहीं कुछ महीने पहले जिले के कुछ क्षेत्रों का काम अब जल निगम को सौंप दिया गया है। जल निगम का कार्य अभी शुरूआती प्रक्रियाओं में ही उलझा हुआ है। हैरानी की बात यह है कि हर घर को जल, हर घर में नल की मंशा से चलाई गई इस योजना का सीधी जिले में दिवाला निकल गया है। कई अधिकारी बदल गए लेकिन कार्य की रूप रेखा व गति नही बदली। इन सबके बावजूद हैरान करने वाली बात यह सामने आ रही है कि अप्रैल 2023 के पूर्व पोर्टल में दर्ज आंकड़ों की संख्या करीब सवा दो लाख थी जो अब घटकर 1.90 हजार पहुुंच गई है। सूत्र बताते है कि अप्रैल 2023 के पूर्व और भी ज्यादा थी जो निरंतर घटती जा रही है। आंकड़ों की माने तो घटती संख्या से यह स्पष्ट नही हो पा रहा है कि भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा जलग्रहण मिशन योजनांतर्गत कार्य आरंभ करने के पूर्व विभाग से मांगी गई जानकारी में जिले के भवनों की संख्या ढाई लाख के करीब थी जो अब धीरे-धीरे घटती जा रही है। इससे यह स्पष्ट नही हो पा रहा कि परिवार सदस्यों की संख्या कम हो रही या फिर कागजी आंकड़ों का खेल चल रहा है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए पीएचई के जिम्मेदारों द्वारा स्टाफ संख्या कम होने का रोना रोया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि जिम्मेदारों द्वारा अधिकारियों से जमकर कमीशनखोरी करने के बाद उनको कार्य करने की खुली छूट प्रदान की गई है जिससे जिले में नल-जल योजना मात्र कागजों में ही दिखाई दे रही है। वास्तविक धरातल पर यह योजना कोसो दूर है।

यहां सप्ताहिक मीटिंग के दौरान प्रगति लाने के निर्देश एवं लापरवाह ठेकेदारों पर कार्रवाई करने की बात कही जाती है लेकिन जैसे ही मीटिंग खत्म होती है उसके बाद कहां क्या हो रहा है जानने की जरूरत नही समझी जाती। एक मामला रौहाल का सामने आया था जहां ठेकेदार द्वारा पानी टंकी बनाने में जमकर लापरवाही की जा रही थी लेकिन उक्त ठेकेदार पर कार्रवाई करने से परहेज किया जा रहा है। इसी तरह सिहावल ब्लाक अंतर्गत ग्राम पतुलखी, देवगवां में भी मनमानी देखी जा रही है।

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जिले में स्वीकृत हैं 286 ग्रामीण योजनाएं

जल जीवन मिशन के तहत सीधी जिले में कुल 286 ग्रामीण नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। योजना के तहत जिले में प्रथम चरण में 37 ग्रामीण नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई थी जिसमें से ज्यादातर पुरानी योजनाएं ऐसी योजनाएं थी जो तकनीकि कमियों से या तो बंद पड़ी थी या गांव के कुछ ही मुहल्लों में पेयजल सप्लाई की सुविधा थी। ऐसी योजनाओं को नवीन टेण्डर जारी कर अधिक क्षमता के वाटर हेड निर्माण, पाइप लाइन का विस्तार व छूटे हुए ग्रामीणों के घरों में नल के कनेक्शन शामिल किया गया है। वहीं दूसरे चरण में 49 ग्रामीण नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई थी जिनकी टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर 39 योजनाओं का वर्कआर्डर भी जारी किया जा चुका है। तीसरे चरण में 55 ग्रामीण नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं जिनकी निविदा की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है और निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है। चौथे चरण में 36 ग्रामीण नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं जिसमें जिनकी टेंडर प्रकिया चल रही है। इसके अलावा जिले के 100 से 200 आबादी वाले मजरा टोला के लिए 109 अलग ग्रामीण नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इस प्रकार जिले में जल जीवन मिशन के तहत कुल 286 ग्रामीण नल-जल योजनाओं का निर्माण होना है।

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इनका कहना है

विभाग के कार्यों की प्रगति 50 प्रतिशत से ज्यादा है। वहीं सिंगल ब्लेज़ वाले 80 प्रतिशत हो गये है, दो साल वाले हैं सब। इनमें अब बहुत कम कार्य बचा है। इसके अलावा जल निगम का अपना अलग कार्य है।

त्रिलोक सिंह बरकड़े, कार्यपालन यंत्री पीएचई

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