नवभारत न्यूज़,खंडवा।
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह ने खंडवा में कहा कि चेतक के अलावा महाराणा के पास रामप्रसाद नाम का आज्ञाकारी हाथी भी था। वह महाराणा प्रताप के लिए जान तक देने को हाजिर रहता था।
आक्रमणकारियों ने रामप्रसाद को बंदी बना लिया। महाराणा भी उसे छुड़ाने के लिए संघर्ष और युद्ध तक के लिए तैयार हो गए।
आक्रमणकारी रामप्रसाद को अच्छी नस्ल का हाथी समझकर अपनी सेना में शामिल करना चाहते थे। बंदी बनाने के बाद रामप्रसाद ने अंतिम समय तक जरा सा भी आहार नहीं लिया और प्राण त्याग दिए ।
लक्ष्यराज सिंह ने बताया कि महाराणा प्रताप के लिए उनके पालतू पशु भी अपनी कुर्बानी देने को आतुर रहते थे ।आक्रमणकारियों को उसे वक्त आभास हो गया था, कि जब महाराणा के पशु भी उनसे इतना प्रेम करते हैं। तो फिर ,इंसानों को अपने दल में शामिल करने का वे सोच भी नहीं सकते। आधे परास्त तो मुगल यही सोचकर हो गए थे।
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