डॉग स्क्वाड और मेटल डिटेक्टर से किया गया घटना स्थल का निरीक्षण
चिल्हारी: बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के कलवाह में हुई बाघिन की मौत के बाद डॉक्टर्स की टीम ने पीएम आदि कर शाम ढलते अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इस दौरान पार्क के जिम्मेदार अधिकारी एवं चिकित्सक मौजूद रहे।सूत्रों की माने तो बाघिन की मौत वन परिक्षेत्र कलवाह के आरएफ 230 बीट पूर्व मेंनवा में हुई है, इसकी जानकारी सुबह गश्ती दल को लगी थी, जिसके बाद इसकी खबर पार्क अधिकारियों को दी गई थी। बताया जाता है कि चार से पांच वर्षीय बाघिन की मौत किन कारणों से हुई है, फिलहाल आधिकारिक जानकारी अभी नहीं मिल पाई है, बताया जाता है कि बाघिन की मौत के बाद डॉग स्क्वाड और मेटल डिटेक्टर से घटना स्थल का निरीक्षण किया गया है। परन्तु सूत्र बताते हैं कि पार्क अधिकारियों को कोई खास सफलता नही मिली है।
अभी तक नहीं मिल सके हैं किसी भी तरह के सुराग
दरअसल कलवाह रेंज घटना स्थल से रिहायशी क्षेत्र बहुत दूर है, और डॉग स्क्वाड और मेटल डिटेक्टर से घटना स्थल के करीब ह्यूमन रिसोर्स के कोई चिन्ह नहीं मिल सके हैं, जिससे कयास लगाया जा रहा है कि बाघिन की मौत दो बाघों की आपसी भिड़ंत का नतीजा है, हालांकि इस मृत बाघिन की मौत के पीछे अगर आपसी संघर्ष कारण है तो प्रबन्धन को उस दूसरे बाघ को भी गम्भीरता से सर्च करने की ज़रूरत है, जो संघर्ष का दूसरा मोहरा था। सूत्र बताते हैं कि कलवाह के घने जंगल में यानी घटना स्थल के करीब चार से पांच टाइगर्स की मूवमेंट होती है, माना जा रहा है कि इन्ही बाघों में किसी बाघ का मृत बाघिन के साथ टेरिटरी के लिए संघर्ष हुआ होगा।
गश्ती के दौरान मृत अवस्था में मिला था
क्षेत्र संचालक बीटीआर ने बताया कि गश्ती के दौरान वन कर्मियों को 1 मृत मादा बाघ का शव आर.एफ.-230 बीट पूर्व मैंनवाह परिक्षेत्र कल्लवाह (कोर) में मिला था। जहां मौका स्थल का निरीक्षण अधिकारियों के साथ एन.टी.सी.ए. के प्रतिनिधि, डॉक्टर्स की टीम द्वारा किया गया। वहीं बाघ के शव का नियमानुसार पोस्टमार्टम वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में कराया जाकर शवदाह कराया गया। बाघ के समस्त अवयव (दांत, नाखून) सुरक्षित पाये गये। डॉक्टर्स द्वारा फारेन्सिंक जाँच हेतु सैम्पल एकत्र किये गये हैं जिन्हे परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजा जायेगा।