मौत को भी मात देती है गोतरा की चमत्कारिक अष्टभुजी देवी

० मां अष्टभुजी देवी मंदिर गोतरा में अपनी मुरादें लेकर दूर-दूर से पहुंंच रहे भक्त, चैत्र नवरात्रि में उमड़ा आस्था का सैलाब

नवभारत न्यूज

सीधी/कुसमी 13 अप्रैल। जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर सीधी-कुसमी के बीच गोतरा में विराजमान अष्टभुजी मां गोतरा देवी के मंदिर में चैत्र नवरात्रि पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है।

क्षेत्र में प्रचलित अष्टभुजी मां गोतरा देवी के उद्गम के संबंध में बुुजुर्गों का कहना है कि गोंड़ समुदाय गोतरा के मुखिया लखन सिंह गोंड़ के पूर्वज चंदन सिंह गोंड़ को 700 वर्ष पूर्व स्वप्न में अष्टभुजी देवी मां आयीं और समीपी गोपद नदी में अपने होने की बात कही। अगले दिन मां के बताये स्थान पर चंदन सिंह गोंड़ पूरी आस्था के साथ पहुंचे और गोपद नदी में समाई अष्टभुजी मां गोतरा देवी को बाहर निकाला। फिर पूरी धार्मिक आस्था के साथ उन्होंने गोतरा गांव लाकर अष्टभुजी देवी मां की स्थापना की। प्राचीन अष्टभुजी मां गोतरा देवी की जानकारी मिलने पर वर्ष 2011 में सीधी से पुरातत्व विभाग की टीम भी गोतरा पहुंची थी। पुरातत्व विभाग को अपने जांच एवं परीक्षण में गोतरा में 11वीं सदी के अवशेष देखने को मिले थे। इसके बाद क्षेत्रीय लोगों को विश्वास था कि पुरातत्व विभाग द्वारा प्राचीन अष्टभुजी मां गोतरा देवी क्षेत्र को पर्यटन के रूप में भी विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे। लेकिन इस दिशा में आज तक कोई सार्थक पहल नहीं हो सकी। उधर गोतरा में अष्टभुजी देवी मां के बने मंदिर में दूर-दूर से लोग अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं। बाद में मां की कृपा से जब उन्हें मनोवांछित मुरादें मिल जाती हैं तो मां के दरबार में पहुंचकर श्रद्धालु उनकी कृपा पर स्नेहिल आभार व्यक्त करने भी अपने परिजनों एवं ईष्टमित्रों के साथ पहुंचते हैं। नवरात्रि में गोतरा अष्टभुजी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। नवरात्रि के प्रथम दिन से ही भक्तों का उत्साह देखने को मिल रहा है। अलसुबह से मां की प्रतिमा पर जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भीड़ उमडऩे लगती है। दिन निकलने के साथ ही भक्तों की भीड़ सैलाब का रूप धारण कर लेती है। क्षेत्रीय लोगों के बीच प्रचलित किदवंती के अनुसार अष्टभुजी मां गोतरा देवी मंदिर के समीप बने रेल्वे पुल से गिरने वालों की आज तक मौत नहीं हुई। लोगों का मानना है कि अष्टभुजी मां गोतरा की कृपा मौत को भी मात देती है। मां की कृपा से रेल्वे पुल गोतरा में आज तक जितने भी राहगीर रेल्वे पुल से चाहे वह वाहन से ही या अन्य किसी तरह से नीचे गिरे हों उन्हें किसी तरह की क्षति नहीं हुई। नवरात्रि में मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ पंचमी, अष्टमी एवं नवमी के दिन श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिलती है। अष्टभुजी देवी मंदिर में जिन तिथियों को श्रद्धालुओं का सर्वाधिक सैलाब उमड़ता है उस दिन पुलिस द्वारा सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये जाते हैं। मंदिर समिति द्वारा भी अपने स्तर से सभी व्यवस्थाओं का चाक-चौबंद किया जाता है।

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मंदिर परिसर द्वारा किये गये व्यापक इंतजाम

मंदिर समिति द्वारा नवरात्रि के विशेष अवसर पर भक्तों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए मंदिर समिति अध्यक्ष दुलमनाथ गोस्वामी, उपाध्यक्ष रामलाल साकेत, सचिव दिनेश शुक्ला बब्बू, कोषाध्यक्ष रामसुशील शुक्ला, शिवमूरत विश्वकर्मा, पूर्व सरपंच शंकर सिंह द्वारा व्यापक इंतजाम किये गए हैं। समिति द्वारा नवरात्रि के दिनों में मंदिर परिसर में सभी सुविधाएं बनाई जाती हैं।

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