भूपेन्द्र भूतड़ा
उज्जैन। इस बार की रंगपंचमी का त्योहार तो हमारे शहर में उत्साह और उमंग के साथ मनाया ही जाएगी लेकिन रंगपंचमी का त्योहार ’राजनीति के रंग’ से दूर रहेगी अर्थात राजनीतिज्ञ अपना उत्साह नहीं दिखा सकेंगे…! दरअसल लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू है और इस दौरान किसी भी सामाजिक या सार्वजनिक कार्यक्रमों में राजनीति से जुड़े लोगोें को विशेषकर खास
राजनीतिज्ञों को तो दूरी ही बनाए रखना है, लिहाजा जिस तरह से हर वर्ष चाहे रंगपंचमी के अवसर पर निकलने वाली गेर जैसे आयोजन हो या फिर होली मिलन समारोह जैसे कार्यक्रम ही क्यों न हो कहीं न कहीं राजनीति के रंग जरूर चढ़ते है लेकिन इस बार इस राजनीति के रंग पर ’आचार संहिता’ का ’पहरा’ रहेगा।
पांच दिवसीय रंगोत्सव की शुरूआत…गेर के भी होंगे आयोजन
इधर होली-धुलंडी के त्योहार के साथ ही शहर में पांच दिवसीय रंगोत्सव की शुरुआत हो गई है। धुलंडी के अवसर पर तो भागसीपुरा और सिंहपुरी जैसे पुराने मोहल्लों से गेर निकालने की परंपरा को कायम रखा ही गया वहीं रंगपंचमी पर भी इन दोनों मोहल्लों से परंपरागत गेर निकाली जाएगी। इसके साथ ही रंगपंचमी के बाद से ही गुड़ी पड़वा तक विभिन्न क्षेत्रों से गेर निकाली जाएगी और इस अवसर पर मनोहारी झांकियां भी सजेगी। चलसमारोह को देखने के लिए भी मार्गों पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहेंगे। गौरतलब है कि सिंहपुरी और भागसीपुरा आदि क्षेत्रों से परंपरागत गेर चलसमारोह के आयोजन होते है।