सीएम हेल्पलाइन लगाई और दिए ज्ञापन
ग्वालियर। मुरार जिला अस्पताल में महिला नर्सिंग ऑफिसर के साथ मोबाइल छीनने के लिए घसीट देना और फिर ब्लैकमेल करने जैसी करतूत की सजा दिलाने के लिए सर्व मानव कल्याण महासंघ ने सीएम हेल्पलाइन लगाकर उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य सचिव, ग्वालियर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन प्रेषित किए हैं।
संघ ने उक्त जांच के प्रकरण में सिविल सर्जन द्वारा की जाने वाली जांच का बहिष्कार भी किया है। वही मांग की गई है कि नर्स ऑफिसर के साथ हुई घटना की जांच की जाए और मुख्य आरोपी रिंकू सिलावट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ।
आरोप है कि बीती 17 व 18 जुलाई को रिंकू सिलावट की पत्नी की मुरार जिला अस्पताल में डिलीवरी के दौरान नर्सिंग ऑफिसर रानू चौरसिया व ज्योति सिंह पर रिश्वत व ईनाम के नाम पर 2000 रूपया लेने का आरोप लगा था जबकि यह राशि उस समय पदस्थ आया भगवती ने ली थी जो की रिंकू सिलावट की मां के द्वारा दी गई थी।इसकी शिकायत हुई और वरिष्ठ अधिकारियों तक बात पहुंची तो आया भगवती ने यह 2000 रूपय की राशि रिंकू सिलावट को वापस भी कर दी थी। इसीलिए इस संबंध में जो भी पूछताछ और जांच पड़ताल होनी है वह आया से ही होनी है लेकिन सिविल सर्जन ने नर्सिंग ऑफिसर से सवाल जवाब कर यह साबित किया है कि नर्स ऑफिसर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला है । संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप चौरसिया ने जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि 19 जुलाई को दिन में आकर रिंकू सिलावट ने नर्सिंग ऑफिसर के साथ बदतमीजी की और लेबर रूम के पास तक आकर ज्योति सिंह से मोबाइल छीना और उसे घसीट भी दिया गया। इसके बाद 50000रूपय की मांग की गई ।इसके लिए ब्लैकमेलिंग भी की गई ।फिर भी सिविल सर्जन के द्वारा उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मजबूरन नर्सिंग ऑफिसर को थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज करने जाना पड़ा और मुरार थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की ।
संघ ने मांग की है कि पहले इस मामले की वीडियो देखकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता है । विभाग के द्वारा आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता है तो नर्स को न्याय दिलाने के लिए संघ आंदोलन करने के लिए विवश होगा।