भोपाल, 26 जुलाई (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष प्रभात झा सोशल मीडिया के इस अत्याधुनिक युग में भी अपने कार्यकर्ताओं और प्रियजनों के साथ अपने हस्तलिखित पत्रों के जरिए संवाद बनाए रखने के शौक के चलते खासे लोकप्रिय रहे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार श्री झा अपने व्यस्त समय के बीच भी लेखन के लिए भरपूर समय निकाल लेते थे। अपने प्रियजनों और कार्यकर्ताओं को हर अहम अवसरों पर स्वयं के लिखे पत्र भेजने की विशेषता उनके व्यक्तित्व को अलग बनाती थी। वे अक्सर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और उनसे संवाद स्थापित करने के लिए उन्हें पत्र भेजा करते थे।
लगभग ढ़ाई साल मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे श्री झा राज्यसभा सांसद रहने के साथ पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सचिव भी रहे। राज्यसभा सासंद रहने के दौरान उन्हें ग्रामीण विकास संबंधी स्थायी समिति और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति का भी सदस्य बनाया गया। उन्होंने पार्टी के मुखपत्र ‘कमल संदेश’ के संपादक के तौर पर भी काम किया। मध्यप्रदेश भाजपा में उन्होंने मीडिया प्रभारी और प्रवक्ता का भी दायित्व निभाया। तत्कालीन समय में कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार थी, ऐसे में उनका मीडिया प्रभारी का दायित्व बेहद चुनौतीपूर्ण और संघर्षपूर्ण रहा, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।
अपने संपूर्ण राजनीतिक जीवन के दौरान श्री झा के लेख विभिन्न राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे।
मूलत: बिहार के दरभंगा जिले के निवासी श्री झा का जन्म चार जून, 1957 को हुआ। वे पेशे से पत्रकार, लेखक और राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता रहे। उनके परिवार में पत्नी और दो पुत्र हैं।
श्री झा का आज तड़के गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में देहांत हो गया। उनका अंतिम संस्कार कल बिहार स्थित मधुबनी जिले के उनके पैतृक गांव में किया जाएगा।