नियमों की अवहेलना करने पर दो जिले की 7 सस्थाओं की मान्यता रद्द करने का निर्णय

जिला शिक्षा समिति की बैठक में उठा अल्पसंख्यक कल्याण दर्जा प्राप्त शैक्षणिक संस्थाओं का मसला

सतना।जिला पंचायत की शिक्षा स्थाई समिति की बैठक में सतना व मैहर जिले में संचालित अल्पसंख्यक कल्याण दर्जा प्राप्त सात शैक्षणिक संस्थाओं की मान्यता निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. उपाध्यक्ष सुष्मिता सिंह परिहार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में मान्यता निरस्त करने का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजने के निर्देश दिए गए हैं.
मिली जानकारी के अनुसार जिला पंचायत की शिक्षा स्थाई सीमित की बैठक के लिए घोषित एजेंडे में जिले में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से दर्जा प्राप्त शैक्षणिक संस्थाओं को गतिविधियों से सम्बंधित समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे.संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में प्रदेश सरकार के किसी भी विभाग से उचित मान्यता अथवा सहमति का कोई दस्तावेज प्रस्तुत नही किया गया.बैठक में सदस्यों ने इसे आपत्तिजनक माना. इसके बाद भी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की दी गई गाइड लाइन के पालन पर भी संस्थाएं गम्भीर नही दिखाई दी.बताया गया है सम्बंधित संस्थाओं को अपने यहाँ कुल छात्र संख्या से 25 प्रतिशत अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को प्रवेश देना था.तभी नियम के तहत मिलने वाली शुल्क वसूली की सुविधा का उपभोग कर सकती है. बैठक में प्रस्तुत की गई जानकारी के आधार पर कोई भी संस्था 10 प्रतिशत की न्यूनतम सीमा को भी पार नही कर सकी.नियमों की अवहेलना का प्रकरण सामने आने पर समिति एन सी एम ई आई एक्ट 2004 के तहत कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए सम्बंधित संस्थाओं की मान्यता निरस्त करने का प्रस्ताव पारित कर दिया.साथ ही समिति के सचिव को निर्देशित किया की कलेक्टर के माध्यम से आदेश जारी करा संस्थाओं के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित कराए.
जिन संस्थाओं के खिलाफ कार्यवाही हुई
समिति ने जिन संस्थाओं के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की है. वे सभी क्रिस्चियन सोसायटी द्वारा संचालित है. इनमें मैहर की एक संथाम हायर सेकेंडरी स्कूल एवं सतना की क्राइस्ट ज्योति हायर सेकंडरी,डी पाल माधवगढ़,क्रिस्तुकला सतना, सेंट कलारेन्ट बराकला,स्नेह सदन सतना, और निर्मल माता स्कूल कैलाशपुर शामिल है.
बैठक में उनकी रही उपस्थित
समिति के सदस्य संजय सिंह,आरती चौधरी,प्रियंका वर्मा,एकता सिंह,जिला परियोजना समन्वयक विष्णु त्रिपाठी, के के शुक्ला, दिवाकर सिंह,दान बहादुर सिह के अलावा अल्पसंख्यक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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