इस्लामाबाद, 21 मार्च (वार्ता) पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को कहा कि इस्लामाबाद काबुल के साथ किसी तरह का सशस्त्र संघर्ष नहीं चाहता है।
श्री आसिफ ने वॉयस ऑफ अमेरिका से कहा, “हम अफगानिस्तान के साथ सशस्त्र संघर्ष नहीं चाहते हैं और बल प्रयोग अंतिम उपाय है।
”रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अफगानिस्तान में स्थित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और अन्य प्रतिबंधित संगठनों द्वारा पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवादी हमलों के कारण दोनों पड़ोसी देशों के द्विपक्षीय संबंधों में तनाव बढ़ गया है।
पाकिस्तान ने सोमवार को खुफिया सूचना के आधार पर अभियान (आईबीओ) चलाकर टीटीपी के हाफिज गुल बहादुर समूह को निशाना बनाया, जो 16 मार्च को मीर अली, उत्तरी वजीरिस्तान में किए गए हमलों और देश में कई अन्य आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है।
इस्लामाबाद ने यह कार्रवाई पाकिस्तानी बलों पर किए गए घातक हमले के बाद की, जिसमें पाकिस्तान के एक लेफ्टिनेंट कर्नल और कैप्टन सहित सात सैनिकों की मौत हो गई।
अफगानिस्तान में पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाई को सीमा पार बढ़ते आतंकवाद के खिलाफ जरूरी संदेश बताते हुए, मंत्री ने अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार से टीटीपी को नियंत्रित करने और अफगानिस्तान में रहते हुए उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध शुरू नहीं करने देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा,“ हम इसे जारी नहीं रहने दे सकते हैं और अगर टीटीपी पाकिस्तान के खिलाफ अपने हमले को जारी रखता है तो इस्लामाबाद को जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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चारों ओर से जमीन से घिरा देश होने के कारण काबुल के लिए एक आर्थिक गलियारा उपलब्ध कराने की संभावनाओं एवं द्विपक्षीय व्यापार की संभावनाओं पर विस्तार से बात करते हुए श्री आसिफ ने सवाल किया कि अगर पड़ोसी देश उसके साथ दुश्मन जैसा व्यवहार जारी रखता है तो इस्लामाबाद को ऐसी संभावना पर क्यों विचार करना चाहिए।
वॉयस ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 5,000 से 6,000 टीटीपी लड़ाके अफगानिस्तान की सीमा से लगे पूर्ववर्ती संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों (एफएटीए) में पाक सेना द्वारा व्यापक आतंकवाद-रोधी अभियान चलाने और पाकिस्तानी क्षेत्र से बाहर खदेड़े जाने के बाद अफगानिस्तान में अपना ठिकाना बनाए हुए हैं।
अफगानिस्तान में टीटीपी की उपस्थिति पर अपने विचारों को व्यक्त करते हुए, रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अफगान की अंतरिम सरकार अपने लड़ाके को आईएस-खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) में शामिल होने से रोकने की कोशिश के अंतर्गत टीटीपी को काम करने की अनुमति प्रदान कर रही है।
आईएसकेपी एक प्रतिद्वंद्वी समूह है जो अफगान शासन के साथ सशस्त्र संघर्ष कर रहा है।