नयी दिल्ली 29 जून (वार्ता) पॉवर विदिनः द लीडरशिप लीगेसी ऑफ नरेंद्र मोदी पुस्तक का यहां विमोचन किया गया जिसमें प्रधानमंत्री के पचास साल के सार्वजनिक जीवन का विवरण पेश किया गया है और उनके शुरुआती सालों, जब उनके हृदय में उद्देश्य और नेतृत्व का अंकुर फूटा था का विश्लेषण किया गया है।
विकासवादी विद्वान एवं लेखक डॉ. रामास्वामी बालासुब्रमण्यम (डॉ. बालू) की यह नई पुस्तक में पश्चिम के गुण आधारित दृष्टिकोण और भारत के पारंपरिक नेत्वृत करने की क्षमता पर आधारित दर्शन की तुलना के साथ नेतृत्व का अद्वितीय दृष्टिकोण पेश किया गया है।
इस पुस्तक का विमोचन पिरामल ग्रुप के अध्यक्ष अजय पिरामल, नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत, नैस्कॉम की अध्यक्ष देबजनी घोष और आईआईएम बेंगलुरू के प्रोफेसर बी महादेवन द्वारा प्रधानमंत्री संग्रहालय में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया, जिसमें विचारकों, जनसेवकों, उद्योग के नेतृत्वकर्ताओं, नीति निर्माताओं और पाठकों ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के अनुभवों की नजर से भारतीय सभ्यता के ज्ञान का विश्लेषण करने के लिए हिस्सा लिया।
इस कहानी के माध्यम से डॉ. बालासुब्रमण्यम ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व का सफर पेश करते हुए पश्चिमी और भारतीय दृष्टि से इसकी अभिव्यक्ति की है। इसमें दृष्टिकोणों का अद्वितीय संगम है, जो पाठकों को नेतृत्व के समीकरण की विस्तृत समझ प्रदान करता है। इसलिए यह पुस्तक लोकसेवा एवं नेतृत्व विकास में रुचि रखने वाले हर व्यक्ति के पढ़ने योग्य है।
महिंद्रा ग्रुप के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने इस पुस्तक की सराहना करते हुए कहा, ‘‘यह एक विचारोत्तेजक पुस्तक है, जो शक्तिशाली नेतृत्व की धारणाओं और दृष्टिकोणों में परिवर्तन ला देगी।’’