विंध्य में नशे के खिलाफ पहली बार ठोस पहल

डॉ रवि तिवारी

देश,दुनिया में बिकने और सेवन किए जाने वाले नशे का प्रभाव विंध्य में देखने को मिल रहा है.पूरी तरह नशे की चपेट में आ चुका विंध्य है. फिलहाल विंध्य की स्थिति कभी के उड़ता पंजाब की तरह है. लोकसभा चुनाब के बाद इस मामले में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने नशे के खिलाफ न केवल अपने रुख को स्पष्ट कर दिया है, बल्कि वो पहले नेता हैं जिन्होंने इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया देने के वजाय ऐसी पहल की है, जिसकी उम्मीद नहीं की जा रही थी.श्री शुक्ला ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर विंध्य से लगी उत्तरप्रदेश की सीमा के जिलों में क्या हो रहा है. इसका जिक्र किया है.

श्री शुक्ला ने नशे की दवा और उसकी आमद रीवा जिले में कहाँ से हो रही है इसका हवाला देते हुए तत्काल रोक लगाने की मांग की है. उपमुख्यमंत्री ने यह भी बता दिया कि डबल इंजन और ट्रिपल इंजन की सरकार का क्या मतलब होता है. अब यह उम्मीद जागी है कि शायद इसके नेटवर्क पर अब नकेल डल सके.हालांकि बड़े पैमाने पर चलने वाले इस कारोबार में बड़ी मछली कोन है उस तक कभी कोई नही पहुच पाया.कई बार कुछ प्रशासनिक अफसरों ने इस नशे के नेटवर्क को तोड़ने को कोशिश की लेकिन उन तक पहुचने से पहले ही अधिकारियों का डेरा कहीं और के लिए बांध दिया गया.अब देखना यह है कि इस कारोबार को प्रदेश के उप मुखिया रोक पाते हैं कि उन्हें भी कुछ समय बाद इस विषय पर चुप्पी साधने के लिए मजबूर होना पड़ता है. वर्षो से नेताओ और अफसरों के लिए कमाई का जरिया बन चुकी इस जहर की खेप ने विंध्य में दर्जनों घरों के चिराग को रोशन होने के पहले हमेशा हमेशा के लिए बुझा दिया है.

विधायक का विरोध

रीवा जिलों को तोड़कर बनाए गए मऊगंज जिले के विधायक प्रदीप पटेल ने सत्ता पक्ष के होने के बाद भी चौबीस घण्टे से अधिक का समय सरकारी कार्यालय में बैठकर पूरे प्रदेश की सरकार को हिला दिया.विरोध के अपने तरीके अपनाने के लिए मशहूर पटेल विंध्य के जुझारू नेता की छवि रखते हैं. राजनीति में सूचिता के पक्षधर पटेल क्षेत्र की जनता को सहकारी बैंक की गतिविधियों के कारण आ रही दिक्कतों को इस बार मुद्दा बनाकर पूरे प्रदेश का ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे.बताया जाता है कि सम्भाग स्तर के तमाम अफसरों के आश्वासन के बाद भी अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त न करने वाले प्रदीप पटेल ने मुख्यमंत्री से बातचीत हो जाने के बाद अपना विरोध समाप्त किया.सत्तापक्ष के विधायक का इस प्रकार का विरोध को लेकर विंध्य की राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म है. लोग तरह तरह से इसके अर्थ निकाल रहे हैं. देखना यह है कि आने वाले समय मे इसके क्या प्रभाव दिखाई पड़ते हैं.

नही बदले गहरवार

चित्रकूट क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार ने एक बार फिर अपने वर्षो पुराने तेवर को दिखाकर प्रशासन को इस बात के संकेत दे दिए हैं कि उनमें कोई परिवर्तन नही आया है. पिछले दिनों जैतवारा में मृतक के परिजनों के साथ पुलिस का तब तक विरोध किया जब तक वरिष्ठ अधिकारियों ने उचित कार्यवाही का आश्वासन नही दे दिया.बताया जाता है कि विधायक गहरवार को चित्रकूट केंद्रीय मंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने जाना था.जब वे जैतवारा पहुचे तो उन्हें परिजनों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिली.विरोध समाप्त कराने के उद्देश्य से पहुँचे विधायक ने जब मामले की गम्भीरता को समझ तो स्वंय इस बात पर अड़ गए कि पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज होना चाहिए, क्योंकि इस मामले में प्राथमिक तौर पर सम्बंधित अधिकारी दोषी है.

Next Post

जटिल है धर्मांतरित लोगों की डीलिस्टिंग का मुद्दा

Wed Jun 26 , 2024
मालवा- निमाड़ की डायरी संजय व्यास आरक्षण सहित आदिवासियों के कई हितों पर डाका डाल रहे धर्मांतरित व्यक्तियों को जनजाति की सूची से बाहर करने के लिए अंचल का आदिवासी समाज कुछ वर्षों से सतत आंदोलनरत है. विधान सभा चुनाव फिर लोक सभा निर्वाचन के चलते ठंडा पड़ गए आंदोलन […]

You May Like