खिलाड़ी जब खेलते है मैदान दब जाता है:खेल अधिकारी

जरा सी बारिश में शुक्ला ग्राउंड क्रिकेट मैदान बना तालाब, पानी निकासी की नहीं है व्यवस्था
छिंदवाड़ा। करोड़ों रूपए की लागत से बनाया गया शुक्ला ग्राउंड जरा सी बारिश में तालाब में तब्दील हो गया। मैदान में तकरीबन आधा फिट पानी भर गया। पानी भरने से मैदान और बैठक ले रहा है। इससे भविष्य में खिलाडिय़ों को क्रिकेट खेलने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जब इस मामले में खेल अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि खिलाड़ी जब खेलते है तो मैदान दब जाता है। यह जबाव ऐसा लग रहा था मानो कोई समझदार अधिकारी नहीं बल्कि एक न समझ अधिकारी जवाब दे रहा था। इसके बाद जब अधिकारी से मैदान के विषय में तकनीकी जानकारी मांगी गई तो वह जवाब देने में आना-कानी करने लगे। इसके बाद उन्होंने कहा जहां पानी का भराव हो रहा है, वहां मिट्टी का भराव किया जाएगा। इससे मैदान समतल होने के साथ ही पानी भरने की समस्या समाप्त हो जाएगी। बता दें कि प्रदेश सरकार खेल युवा एवं कल्याण विभाग के माध्यम से खेल प्रतिभाएं निखारने के लिए करोड़ों रूपए का बजट प्रदान कर सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इसमें खिलाडिय़ों के लिए मैदान से लेकर सभी संसाधन उपलब्ध कराए जा रह है, लेकिन शासन में बैठे शासन के नुमाइंदे खेल प्रतिभाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। उन्हें क्रिकेट खेलने एक उमदा मैदान तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। इससे खेल प्रतिभाओं को मौका नहीं मिल पा रहे है।
नहीं लगाए गए पाइप 0000000000000000
क्रिकेट मैदान बनाने समय उमदा मिट्टी डाली जाती है। जिसमें कंकड पत्थर पूरी तरह साफ किए जाते है। वही मिट्टी डालने के पहले जगह जगह पानी निकासी के लिए पाइप डाले जाते है, इन पाइपों को सीधे क्रिकेट मैदान के चारों ओर बनी पालियों में कनेक्शन किया जाता है। जिससे मैदान में पानी भरने की स्थिति में पाइपों से पानी सीधा नालियों तक पहुंच जाए। इससे ग्रांउड सुरक्षित रहता है। ग्राउंड में किसी तरह की खरपतवार भी नहीं उगती। लेकिन इस मैदान में पानी भरने से मैदान खराब होने के साथ ही खरपतवार उगने लगेगी।
साहब जबाव सोच समझकर दें 0000000000000
खेल अधिकारी रामराव नागले ने बताया कि खिलाडिय़ों के खेलने से मैदान दब जाता है। अब साहब को कौन बताए कि मैदान में सिफ 11 खिलाड़ी ही खेलते है। साहब इन खिलाडिय़ों का इतना वजन होता है कि मैदान बैठक नहीं लेता। ऐसे में तो जिन बड़े बड़े मैदान भी दब जाते। साहब जरा जवाब देने से पहले सोचिए क्या बोलना है और क्या कहना है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा ग्राउंड 000000000000000
क्रिकेट मैदान बनाने के लिए शासन ने लगभग डेढ़ करोड़ का बजट प्रदान किया था। इस बजट में क्रिकेट मैदान को उच्च क्वालिटी का बनाना था, लेकिन संध और अधिकारियों की सांठ-गांठ से क्रिकेट मैदान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। इस मैदान में घटिया मिट्टी डाली गई। वही वाटर लेबल का भी ध्यान नहीं रखा। इससे बारिश के दौरान पारी भरने और खरपतवार उगने की समस्या बनी हुइ्र है।

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