नयी दिल्ली, 21 जून (वार्ता) देश में एक लाख 75 हजार 25 हज यात्रियों की चिकित्सा देखभाल के लिए 356 डॉक्टर और चिकित्साकर्मी नियुक्त किए गए हैं और लगभग दो लाख ओपीडी आयोजित की गयी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव अपूर्व चंद्रा ने शुक्रवार को ‘हज यात्रा के लिए चिकित्सा देखभाल व्यवस्था’ शीर्षक से एक दस्तावेज जारी करते हुए कहा कि 1,75,025 लोगों ने इस वर्ष भारत से हज यात्रा की, जिनमें से लगभग 40,000 बुजुर्ग हैं जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक थी। इस वर्ष सउदी अरब की खराब मौसम की स्थिति को देखते हुए, स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के कारण हज यात्रियों के लिए 24 घंटे सेवाओं की आवश्यकता हो गई है। इस वर्ष स्वास्थ्य सेवाओं में दंत चिकित्सा देखभाल को भी जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा दलों ने हज यात्रियों से संपर्क भी किया।
जेद्दा में भारतीय वाणिज्य दूत मोहम्मद शाहिद आलम ओनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए। इनके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
श्री चंद्रा ने कहा कि एक पोर्टल विकसित किया गया है, जो चिकित्सा देखभाल और अन्य सेवाओं की मांग करने वाले हज यात्रियों ब्योरा रखता है। इसकी लगातार निगरानी की जाती है और इसके आधार पर सेवाओं में सुधार किया जाता है। यह दस्तावेज़ स्वास्थ्य सेवाओं का खाका और हज यात्री के इन सेवाओं का लाभ उठाने तौर तरीके का उल्लेख है।
स्वास्थ और परिवार कल्याण मंत्रालय की अपर सचिव एल.एस. चांगसन ने कहा कि हज यात्रियों की विशाल संख्या के मद्देनजर व्यापक स्वास्थ्य सेवा योजना के महत्व पर जोर दिया है।
चिकित्सा देखभाल व्यवस्था में भारत में हज आवेदकों के स्वास्थ्य और फिटनेस का आकलन करने के लिए उपयोग की जाने वाली चिकित्सा जांच और फिटनेस प्रमाण पत्र को संशोधित करना, हज यात्रियों को उनकी यात्रा और सउदी अरब में ठहरने के लिए स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करना, टीकाकरण शिविरों के आयोजन के लिए राज्यों को टीके उपलब्ध कराना, गन्तव्य स्थलों पर स्वास्थ्य डेस्क स्थापित करना, स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति और सउदी अरब में चुने गए विभिन्न स्थलों पर चिकित्सा बुनियादी ढांचे की स्थापना करना शामिल है।