सीहोर, 13 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की मानस यात्रा का कारवां सीहोर जिले के बमुलिया में कुलांस नदी के उद्गम स्थल पर पहुँचा।
श्री पटेल ने कहा कि वृक्ष है तो जल है और जल है तो जीवन है। आने वाली पीढ़ी के स्वस्थ और सुरक्षित जीवन के लिए जल और पर्यावरण का संरक्षण करना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है। मानव ने अपने स्वार्थ के लिए जल, जंगल सहित अनेक प्राकृतिक संपदा का दोहन किया है, जिसके दुष्परिणाम देखने मिल रहे हैं। आज नदियाँ सूखी हैं, तालाबों में पानी नहीं है, पर्यावरण दूषित हो रहा है। इन सबके मानव जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव दिखाई दे रहे हैं। अगर यही स्थिति रही तो आने वाली पीढ़ी हमे इसके लिए दोषी ठहराएगी। उन्होंने कहा आज हमें अपने सभी जल स्त्रोंतों का संरक्षण और संवर्धन करने के साथ ही पेड़ लगाने और उसे जीवित रखने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज बहुत दूरदर्शी और बुद्धिमान थे। उन्होंने नदियों के उद्गम और जल स्रोतों के समीप जल और पर्यावरण संरक्षण के अनुकूल प्रजातियों के पौधे लगाए। जल स्त्रोंतो के पास अधिक जल अवशोषित करने वाले पौधे नहीं लगाना चाहिए बल्कि जल उत्सर्जित करने वाले पौधों का रोपण करना चाहिए। इससे हमारे जल स्रोत जीवित रहेंगे।
श्री पटेल ने कहा कि कुलांस नदी का पानी भोपाल के बड़े तालाब में जाता है और बड़ा तालाब भोपाल के नागरिकों की प्यास बुझाता है। इस दृष्टि से भी कुलांस नदी के पुनर्जीवित के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण कर उन्हें जीवित रखने का संकल्प लेना होगा।
राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि जल है तो कल है। हम सभी को जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा। वर्षा के जल को जितना अधिक रोक सकें रोकना होगा। नदी, तालाबों, कुओं, बावड़ियों, पोखर के साथ ही सभी जल स्त्रोंतों की सफाई, गहारीकरण एवं जीर्णोद्धार करना होगा इससे ज्यादा से ज्यादा पानी जमा किया जा सके।