नवभारत न्यूज
मऊगंज, 5 मई, देखा जाय तो हर बड़े हादसे के बाद सरकार द्वारा प्रशासन को सख्त आदेश जारी किए जाते है लेकिन कुछ दिनों बाद प्रशासन इसको भूल किसी दूसरे हादसे के इंतजार में बैठा रहता है.
ऐसा ही एक मामला मऊगंज जिले से सामने आया जहां गनीमत रही कि कोई नन्ही जान खतरे में नही पड़ी लेकिन एक बकरा फंस गया. यह घटना नईगढ़ी अंतर्गत ग्राम पंचायत छत्रगढ़ कला में ग्राम गढ़वा में उस समय हडक़ंप मच गया जब ननकू कोल का बकरा खुले बोर में गिर गया. पंचायतों को कड़े निर्देश के बाद भी जिला प्रशासन का आदेश पर लगा पलीता जिसका खामियाजा आज भी ग्रामीण भुगत रहे. एक बेजुबान जानवर को निकालने के लिए क्या प्रशासनिक अमला पहुंचेगी क्या इसका रेस्क्यू ऑपरेशन कर इसकी जान बचाने का प्रयास किया जाएगा या अपने आप में बड़ा सवाल उठता है साथ ही देखना या होगा कि पूरे मामले पर जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होती है.
अगस्त क्रांति मंच के संयोजक कुंजबिहारी तिवारी ने इस घटना को लेकर कहा है कि रीवा जिले में अबोध मयंक के जान गंवाने के बाद सरकार ने खुले बोर को लेकर जिला कलेक्टर को दिशा निर्देश दिए जिसके बाद कोई बोर खुले न हो इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए उसका सही तरीके से कितना पालन हो रहा उससे बेखबर बनना जिले के लोगो की जानमाल के लिए खतरनाक साबित हो रहा है जो कि बेहद चिंताजनक है.