जबलपुर: तरह-तरह के कार्यक्रम एवं पैदल चलने के लिए बनाई गई संस्कारधानी की पहली कल्चरल स्ट्रीट अब आम सडक़ का हिस्सा होती जा रही है। कभी शहर और नेपियर टाउन की शान माने जाने वाली कल्चरल स्ट्रीट आज बदहाल होते जा रही हैं। स्थिति यह है कि पुराने बस स्टेंड छोर और भंवरताल एंड के बेरीकेट हटा दिये गये हैं। जिसके चलते लोग घूम कर जाने के बजाय इसी पैदल मार्ग का सहारा लेकर अपने-अपने वाहनों से गुजर रहे हैं। यह कल्चरल स्ट्रीट महज एक आम मार्ग बनकर रह गई है। इतना ही नहीं चार पहिया वाहनों के इस पर से गुजरने के कारण पैदल सैर करने के लिए लगाए गए पत्थरों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा हैं। लाखों रूपयों खर्च क र बनाई गई यह स्ट्रीट अब जर्जर होती जा रही हैं। प्रशासन को इस स्ट्रीट को पूरी तरीके से दुरूस्त कर पैदल रात्रियों के लिए खोलना चाहिए।
असामाजिक तत्वों और ऑटो चालकों का कब्जा
शहर में होने वाले रंगारंग कार्यक्रमों एवं तमाम स्ट्रीट फूड फेस्टीवल और पैदल सैर करने के लिए बनाई गई कल्चरल स्ट्रीट अब विपरीत अंदाज में दिख रही है। सुबह से ही इस स्ट्रीट पर तत्वों का डेरा डल जाता है। जो देर रात तक यही डटे रहते हैं। इतना ही नहीं ऑटों चालकों द्वारा भी इस स्ट्रीट को आघोषित स्ट्रेड बना लिया गया है। जिसके चलते महिलाएं और बुजुर्ग इस स्ट्रीट पर आकर तहलने से कतरा रहे हैं। परिणाम स्वरूप यह स्ट्रीट जिस उद्देश्य से बनाई गई थीं वह पूरा नहीं हो रहा हैं।