सियासत
इंदौर और उज्जैन संभाग यानी मालवा और निमाड़ अंचल में चुनाव सोमवार को समाप्त हो गए। इसी के साथ पूरे मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर चुनाव संपन्न हो गए हैं।इस अंचल में आठ लोकसभा सीटें आती हैं। पहले दो चरणों में कम मतदान से चिंतित केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने मध्य प्रदेश यात्रा के दौरान प्रदेश के विधायकों और कैबिनेट मंत्रियों को चेतावनी दी थी कि यदि उनकी विधानसभा में बीजेपी हारी तो इसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ेगा। विधायकों पर गाज तो 2028 के विधानसभा चुनाव में गिरेगी, लेकिन मंत्रियों पर किसका असर 4 जून के बाद तुरंत पड़ सकता है।
इस अंचल में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, कैबिनेट मंत्री विजय शाह, नागर सिंह चौहान, तुलसी सिलावट, चेतन कश्यप, निर्मला भूरिया जैसे मंत्री आते हैं। इन सभी को यह चेतावनी प्रभावित करेगी। अमित शाह के निर्देशों के बाद भाजपा के चुनाव अभियान में विधायकों और मंत्रियों ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी थी। अन्यथा पहले विधायक चुनाव अभियान में कम दिलचस्पी ले रहे थे। 4 जून के बाद पार्टी द्वारा विधानसभा सीट के हिसाब से चुनाव परिणाम का आंकलन किया जाएगा। इसके बाद देखना होगा की अमित शाह की कसौटी पर इस अंचल के कितने मंत्री और विधायक खरे उतरते हैं और कितने विफल साबित होते हैं।