सोशल मीडिया पर गलत सूचना तीन घंटे में हटाने का दलों को चुनाव आयोग का निर्देश

नयी दिल्ली, 06 मई (वार्ता) चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और उनके प्रतिनिधियों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग का निर्देशते हुये उन्हें उनके ध्यान में लायी गयी कल सूचना को तीन घंटे के अंदर उस पोस्ट को हटाने के निर्देश दिये हैं।

आयोग ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा है कि गलत सूचना और सिंथेटिक सामग्री से निपटने के लिए मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत कार्रवाई की जायेगी।

आयोग ने कहा है, “ पार्टियों को फर्जी सामग्री उनके संज्ञान में आने पर उसके तीन घंटे के भीतर उसे हटानी होगी। ”

आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाये रखने की आवश्यकता पर बल देते हुये, जानकारी को विकृत करने या गलत सूचना का प्रचार करने के लिये एआई आधारित उपकरणों के दुरुपयोग के खिलाफ पार्टियों को चेतावनी दी है।

आयोग ने कहा है कि मौजूदा कानूनी प्रावधानों के मद्देनजर, अन्य निर्देशों के अलावा, पार्टियों को विशेष रूप से सूक्ष्म नकली ऑडियो/ वीडियो को प्रकाशित और प्रसारित करने से परहेज करने, गलत, असत्य या भ्रामक प्रकृति की किसी भी गलत सूचना या जानकारी का प्रसार करने या पोस्ट करने से परहेज करने का निर्देश दिया गया है। उन्हें महिलाओं के प्रति अपमानजनक सामग्री, अभियानों में बच्चों का उपयोग करने से बचने, हिंसा या जानवरों को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री से भी बचने को कहा गया है।

विज्ञप्ति में कहा गया है, “ पार्टियों को ऐसी किसी भी सामग्री को उनके संज्ञान में लाने के तीन घंटे के भीतर तुरंत हटाने तथा अपनी पार्टी में जिम्मेदार व्यक्ति को चेतावनी देने, संबंधित प्लेटफार्मों पर गैरकानूनी जानकारी और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्तियों के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का नियम 3ए नकली उपयोगकर्ता खातों की रिपोर्ट करने और लगातार मुद्दों को शिकायत अपीलीय समिति तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया है। ”

आयोग ने कहा है कि उसने इस सम्बंध में राजनीतिक दलों/ उनके प्रतिनिधियों द्वारा एमसीसी के कुछ उल्लंघनों और मौजूदा कानूनी प्रावधानों का संज्ञान लेते हुए ये दिशा- निर्देश जारी किये हैं।

आयोग ने दलों का ध्यान उन मौजूदा कानूनी प्रावधानों की ओर भी आकृष्ट किया है जो गलत सूचना के उपयोग और डीप फेक का उपयोग करके जालसाजी के खिलाफ लागू होते हैं। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्तियों के लिये दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021, भारतीय दंड संहिता और 1950 और 1951 के जन प्रतिनिधित्व अधिनियमों तथा चुनाव के संदर्श में अयोग द्वारा लागू आदर्श आचार संहिता के प्रावधान शामिल हैं।

Next Post

रजपुरा और महिला थाना पुलिस ने कराया मूकबधिर युवती का विवाह

Mon May 6 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email नवभारत, न्यूज (विनय असाटी) दमोह. जिले के रजपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत रजपुरा और महिला थाना पुलिस ने सोमवार शाम को मूकबधिर युवती का दमोह शहर के जेल मंदिर से रीति-रिवाज के साथ भव्यता से विवाह कराया है, […]

You May Like