भोजशाला सर्वे : हाई कोर्ट ने दिया 8 हफ्ते का और समय

 

धार। भोजशाला में वैज्ञानिक पद्धपद्धति  सेर्वेक्षण चल रहा है। एएसआई के अधिकारियों ने सर्वे करने की समय
सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर एक
आवेदन इंदौर हाई कोर्ट में प्रस्तुत किया था। सोमवार को प्रकरण की सुनवाई के दौरान आवेदन पर भी बहस हुई, जिसमें तर्कों से सहमत होकर कोर्ट ने एएसआई को 8 सप्ताह का समय दे दिया है। वहीं, मुस्लिम
पक्ष ने विरोध जताते हुए सर्वे पर रोक लगाने की मांग की। कोर्ट ने उसे निरस्त करते हुए कहा कि आपको
अगर ऐसा कुछ लगता है तो आप सुप्रीम कोर्ट का रास्ता चुने व अपना पक्ष रख सकते हैं।
दरअसल, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के टीम लीडर हरिशंकर जैन, राष्ट्रीय अध्यक्ष रंजना अग्निहोत्री और विष्णुशंकर जैन अधिवक्ता की ओर से हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में 2 मई 2022 को याचिका लगाई थी।
याचिका में भोजशाला पर पूर्ण रूप से हिंदू समाज के आधिपत्य की मांग की गई। लंदन से लाकर मां वागदेवी की प्रतिमा भोजशाला के गर्भ गृह में स्थापित करने की मांग की गई। नमाज को बंद करने मांग की गई है। बिना किसी शर्त के वर्ष भर हिंदू समाज को पूजा, अर्चना, हवन आरती करने की मांग की गई है। 50 मीटर का दायर भी शामिल याचिका को न्यायालय ने 11 मई 2022 को स्वीकार किया था।
न्यायालय द्वारा सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए गए और और फिर नोटिस के जवाब का क्रम शुरू हुआ।
5 फरवरी 2024 को हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के याचिका कर्ता ने कोर्ट में यह आवेदन दिया गया कि भोजशाला के संपूर्ण परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण हेतु एएसआई को निर्देशित किया
जाए। 19 फरवरी 2024 को सुनवाई
में बहस के पश्चात न्यायालय द्वारा फैसला सुरक्षित रखा गया।
11 मार्च 2024 को उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को यह आदेश दिया कि संपूर्ण भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया जाए, जिसमें नवीन तकनीकों का उपयोग किया जाए। इसमें भोजशाला के परिसर के 50 मीटर क्षेत्र में उत्खनन, कार्बन डेटिंग, जीपीएस, जीपीआर तकनीक का प्रयोग कर कलर फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी भी करवाई जाए।
39 दिन से सर्वे चल रहा
6 सप्ताह में विभाग की टीम द्वारा दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वेक्षण पूर्ण कर रिपोर्ट पेश की जाए। 20 मार्च 2024 को भारत सरकार संस्कृति विभाग के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अपर महानिदेशक प्रोफेसर आलोक त्रिपाठी ने शासन और प्रशासन को यह जानकारी दी कि 22 मार्च से भोजशाला का सर्वेक्षण प्रारंभ होगा। तभी से बिना किसी अवकाश के यह सर्वेक्षण विगत 39 दिनों से लगातार जारी है। सर्वेक्षण में हिंदू पक्ष की ओर से गोपाल शर्मा और याचिकाकर्ता आशीष गोयल तथा मुस्लिम पक्ष की ओर से अब्दुल समद खान उपस्थित रहते है।
सुरक्षित रखते हुए सर्वे हो रहा
एएसआई की और से इंदौर खंडपीठ में बताया गया कि वर्तमान स्वरुप को
सुरक्षित रखते हुए कही सर्वे किया जा रहा है। यह एक अत्यंत धीमी
प्रक्रिया हैं, सर्वे में जीपीआर मशीन
का उपयोग होना है, पहले 6 सप्ताह
का समय दिया गया था, उसमें मशीन
का उपयोग नहीं हुआ है। इसके लिए
ज्योग्रफिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ इंडिया एनजीजआरआई से सर्पकी किया गया हैं, इनका उपयोग करने के
लिए ही समय बढाने की मांग रखी गई
है। तर्कों से सहमत होकर ही कोर्ट ने
8 सप्ताह का समय दिया हैं, जिसमें 4 है। तर्कों से सहमत होकर ही कोर्ट ने 8 सप्ताह का समय दिया हैं, जिसमें 4 जुलाई के पहले कोर्ट में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है। पूर्व में दिए 6 सप्ताह का समय 3 मई को समाप्त होगा, जिसके पहले ही अतिरिक्त समय और एएसआई की टीम को मिल गया है।
अभिभाषक श्रीश्र दुबे ने बताया कि हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में भोजशाला के मामले में सुनवाई थी, एएसआई ने सर्वे का जो आदेश हुआ है, उसके लिए अतिरिक्त समय मांगा गया। सभी पक्षों ने अपनी और से तर्क रखे गए। मुस्लिम समाज की और से एक लिखित जवाब भी प्रस्तुत करते हुए विरोध किया गया। हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए सर्वे के लिए 8 सप्ताह का समय दिया है। इसके अतिरिक्त मुस्लिम पक्ष की और से सर्वे की रोक की मांग की गई थी, कोर्ट ने तर्क सुनने के बाद निरस्त करते हुए आदेश दिया हैं, कि आपको अगर ऐसा कुछ लगता हैं, तो आप सुप्रीम कोर्ट का रास्ता चुने व अपना पक्ष रख सकते हैं। आदेश के मुख्य बिन्दु जिन पर सर्वेक्षण जारी है
1. भोजशाला के पूरे परिसर का सर्वे
और उत्खनन वैज्ञानिक पद्धति से होगा।
2. उत्खनन और सर्वे GPS GPR तकनीक के साथ कार्बन डेटिंग तथा अन्य नई तकनीक से करने का आदेश।
3. भोजशाला परिसर की बाउंड्रीवाल से 50 मीटर की दूरी तक सर्वे किया जाएगा।
4. असि के वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी की निगरानी में सर्वे होगा।
5. उत्खनन एवं सर्वे की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
6. परिसर के सभी बंद पड़े कमरों, खुले परिसर तथा सभी खम्बों का
विस्तार से सर्वे होगा। 7. उत्खनन सर्वे की रिपोर्ट 6 सप्ताह में प्रस्तुत करने के बाद आज आठ सप्ताह का समय दिया है।

Next Post

इंदौर में बड़ा राजनीतिक धमाका....... कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने मैदान छोड़ा .......

Mon Apr 29 , 2024
O ऐनमौके पर कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय ने नाम वापस लिया भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण की नवभारत न्यूज इंदौर. सोमवार को कांग्रेस को एक ओर बड़ा झटका लगा. नामवापसी के अंतिम दिन कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने आखिरी समय पर नामांकन वापस ले लिया. बम ने न केवल नामांकन […]

You May Like