एमपीईवी दफ्तर बैढ़न के सामने 6 घण्टे तक चला हंगामा

बिजली करंट लगने से घायल संविदा मीटर रीडर का जबलपुर में उपचार के दौरान हुई मौत, बैढ़न में शव के पहुंचने पर हुआ हंगामा

नवभारत न्यूज

सिंगरौली 6 फरवरी। बिजली कर्मी की करंट से मौत के बाद मामला तूल पकड़ लिया। आक्रोशित परिजनों ने बिजली कंपनी कार्यालय के पास शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि लापरवाही के चलते युवक की जान गई है। इसलिए लापरवाही करने वाले विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों पर परिजनों ने एफआईआर दर्ज करने की मांग किया है। गुरुवार की सुबह करीब 8 बजे से शुरू हुआ हंगामा दोपहर 1 बजे तक चलता रहा। मौके पर सिंगरौली विधायक ने परिजनों को आश्वासन दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ। पुलिस ने मर्ग कायम कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक बीते माह 20 जनवरी की रात ग्रामीण क्षेत्र के परसौना वितरण कार्यालय क्षेत्र के सासन मुख्यालय में पदस्थ मीटर रीडर चंद्रिका प्रसाद पनिका ग्राम हर्रहवा करकोटा टोला में बिना सुरक्षा उपकरण के 11 हजार केव्ही का तार रात के समय में जोड़ रहा था। इस दौरान बिजली कर्मी को करंट लग गया। गंभीर रूप से घायल मीटर रीडर को जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। लेकिन उसकी हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया था। जहां उपचार के दौरान बिजली कर्मी की मौत हो गई। बिजली कर्मी की मौत के बाद गुरुवार की अल सुबह उसका शव सिंगरौली पहुंचा। जहां आक्रोशित परिजनों ने बिजली कार्यालय गेट पर शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया। सुबह से शुरू हुआ बवाल दोपहर करीब एक बजे तक चलता रहा। इसके बाद मौके पर बिजली कंपनी के अधिकारी परिजनों को समझाइश देने मेें जुटे थे। किन्तु परिजन मानने को तैयार नही थे। हालांकि इस दौरान सिंगरौली विधायक रामनिवास शाह ने परिजनों को सांत्वना देते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि मृतक की पत्नी को पेंशन के साथ ही विभाग में नौकरी दिलाई जाएगी। इसके बाद परिजन शांत हुए और पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी। इसके बाद एमपीईवी व पुलिस अमले ने राहत की सांस ली।

सप्लाई बंद करने लिया था परमिट

परिजनों का आरोप है कि जिस दौरान बिजली कर्मी विद्युत सुधार कर रहा था। उस दौरान उसने सर्विस सप्लाई बंद करने के लिए परमिट लिया था। मगर किसके कहने पर सप्लाई चालू कर दिया गया। यह पूरी तरह से बिजली विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। यदि इस बात की ध्यान रखा गया होता कि सप्लाई बंद करने के लिए परमिट लिया गया है तो शायद बिजली कर्मी की जान नही जाती। किन्तु विभाग की लापरवाही के चलते कर्मचारी की मौत हो गई।

सुरक्षा सामग्री भी नही दिया गया था

बताया गया है कि बिजली कर्मी बिना सुरक्षा सामग्री के जान जोखिम में डालकर काम करते थे। घटना के दौरान बिजली कर्मी को सुरक्षा सामग्री नही दिया गया था। जबकि विद्युत सुधार के दौरान बिजली कर्मी के हाथ में न तो ग्लब्स था और न ही अन्य उपकरण। ऐसे में घटना घटित होने से भी इंकार नही किया जा सकता है। यह हाल तब है जबकि सुरक्षा साम्रगी के नाम पर बिजली विभाग लाखों रुपए खर्च कर रहा है। मगर हकीकत देखा जाए तो सुरक्षा सामग्री नदारद है।

विधायक ने समझाया

सिंगरौली विधायक रामनिवास शाह मौके पर पहुंचे और दो घण्टे समय तक स्थल पर बैठे रहे। इस दौरान विधायक ने जहां परिजनों को ढाढ़स बधाते हुए उन्हें आश्वास्त किया। कहा कि बिजली विभाग में आहत परिवार का एक सदस्य आने वाले समय में नौकरी करेगा। साथ ही मृतक की पत्नी को पेंशन भी मिलेगी।

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