जबलपुर: पुलिस मुख्यालय भोपाल से मिले निर्देशो के अनुसार पूरे मध्य प्रदेश में विगत 15 नवंबर 2024 से पुलिस विभाग द्वारा संचालित पेट्रोल पंपों में नगद भुगतान पर ईंधन मिलना बंद कर दिया गया है। यह बात जबलपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक द्वारा नवभारत से साझा की गई। बात पुलिस द्वारा संचालित पेट्रोल पंपों में सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट व्यवस्था लागू कर दिया जाना आम लोगों के लिए परेशानी का विषय बन गया है। शहर के राँझी तथा गोरखपुर में पेट्रोल पंपों का संचालन विभाग द्वारा किया जा रहा है। जहां इन पंपों में एक बोर्ड लटका दिया गया है जो कहता है कि पुलिस मुख्यालय भोपाल से जारी आदेश के बाद 15 नवंबर से नकद भुगतान बंद कर दिया गया है। अधिकारियों द्वारा विस्तार से इस पर चर्चा करते हुए बताया गया कि नगद भुगतान में हो रही धांधली को लेकर यह कदम उठाया गया है। और इससे पुलिस वेलफेयर सोसायटी को करोड़ों का नुकसान हो रहा था। परंतु लोगों का कहना है कि कई बार बैंकों के सर्वर डाउन रहने के चलते उन्हें घंटों पंप में खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। पंपों को कैशलेस तो कर दिया गया लेकिन लोगों के लिए ऑनलाइन सर्वर की ना मौजूदगी अभी भी मुसीबत का कारण बना हुआ है।
बीस प्रतिशत बिक्री घटी
पुलिस विभाग से जुड़े सूत्रों की माने तो विगत 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक एक माह में लगभग ईंधन की बिक्री में बीस प्रतिशत की कटौती देखी गई है। वही लोगों का कहना है कि आदत में नहीं रहने के कारण कई बार वे पेट्रोल पंप में दाखिल हो जाते हैं, लेकिन कैशलेस का बोर्ड देखकर उन्हें मायूस लौटना पड़ता है। नए नियम के पहले पंप पर पेट्रोल, डीजल डलवाने के लिए लाइन लगानी पड़ती थी परंतु अब दोनों पंप खाली पड़े रहते हैं। जानकारों की माने तो लोगों की भीड़ नहीं लगने का कारण सिर्फ कैश लेस पेमेंट है।
हुए थे ठगी के शिकार
विभाग से जुड़े सूत्रों की माने तो पेट्रोल पंप मे प्वॉइंट ऑफ सेल मशीन की क्लोनिंग कर करोड़ों रुपए की ठगी की गई थी। मामले का खुलासा होने पर गोरखपुर पुलिस ने बैंक कर्मचारियों के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज किया गया था। ऐसे में जो आमजन सिर्फ नगद भुगतान तक सीमित है उनके लिए यह समस्या बहुत बड़ी है। विभाग को इस पर रास्ता निकाल लोगों की परेशानी खत्म करनी चाहिए।
इनका कहना है
भोपाल मुख्यालय से मिले आदेश पर यह व्यवस्था लागू की गई है। इसे लागू करने का एक ही कारण है कि नगद भुगतान में हो रही धांधली को रोका जा सके।
अनिल सिंह कुशवाहा, पुलिस महानिरीक्षक, जबलपुर जोन