इंदौर को दोबारा मिला बाहरी कुलपति

रेणु जैन की जगह राकेश सिंघई

 

नवभारत न्यूज

 

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर राज्यपाल ने शिवपुरी के प्रोफेसर राकेश सिंघई को नियुक्त कर दिया। एक बार फिर डीएवीवी को बाहरी कुलपति मिला है। पूर्व कुलपति रेणु जैन का कल कार्यकाल खत्म हो गया है।

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में स्थानीय प्रोफेसर और शिक्षाविद के कुलपति बनने वाले सारे नामों के अरमान ठंडे हो गए है। कल रेणु जैन का कार्यकाल खत्म हुआ था और आज नए कुलपति की नियुक्ति हो गई। इसकी किसी को आशा नहीं थी कि इतनी जल्दी कुलपति के नाम पर फैसला हो जाएगा।

राज्यपाल और कुलाधिपति मंगू भाई पटेल ने शिवपुरी के इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ. राकेश सिंघई को डीएवीवी का कुलपति नियुक्ति के आदेश कर दिए। इसके साथ ही कुलपति के दौड़ में चल रहे नामों पर पूर्ण विराम लग गया। डॉ. सिंघई का कार्यकाल नियुक्ति से चार साल अथवा 70 वर्ष उम्र जो पहले होगा , तक रहेगा।

ध्यान रहे कि 2020 में नरेंद्र धाकड़ को धारा 52 का उपयोग करके हटाया गया था। पिछले 24 साल में पहला मौका है , जब रेणु जैन ने चार साल और एक वर्ष प्रभारी कुलपति के तौर पर कार्यकाल पूरा किया है। इसके पूर्व कुलपति ने या तो इस्तीफा दे दिया या फिर धारा 52 का शिकार हो गए।

खास बात यह है कि इंदौर में लगातार दूसरी बार बाहरी व्यक्ति को कुलपति बनाया गया है। इसके पहले रेणु जैन भी ग्वालियर से आई थी। सवाल यह है कि क्या इंदौर में ऐसा कोई प्रोफेसर या शिक्षाविद सरकार की निगाह में नहीं बचा है , कुलपति पद की शोभा बढ़ा सके ?

रेणु जैन अपने कार्यकाल में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथों दीक्षांत समारोह करवा कर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का स्वर्णिम अक्षरों में लिखवाने में सफल रही।

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