अटलांटा,28 जून (वार्ता) अमेरिका में नंवबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव से पहले डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीविजन पर आयोजित बहस में तीखी नोकझाेंक हुई।
इस ‘वाकयुद्ध’ में पूर्व राष्ट्रपति ने श्री बाइडेन को साफ तौर पर करारी मात दी।
दोनों उम्मीदवारों के बीच इस चुनावी बहस पर बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा,“ गुरुवार रात के मुक़ाबले में व्यक्तिगत हमलों के अलावा डेमोक्रेटिक उम्मीदवार श्री बाइडेन का प्रदर्शन भी लड़खड़ा गया, वह पूरी बहस के दौरान कभी अपनी कर्कश आवाज़ और कभी-कभी मौखिक खालीपन से ही जूझते रहे।”
इस बहस को देखने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी ने श्री बाइडेन के प्रदर्शन को लेकर चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी मीडिया का मानना है कि श्री बाइडेन ने बहस के पहले हिस्से में जिस तरह से जवाब दिये,वह पार्टी के कुछ रणनीतिकारों के लिए सिरदर्द साबित हो सकते हैं।
समर्थकों को सोशल मीडिया पर कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि मौजूदा राष्ट्रपति अपनी उम्र को लेकर पूछे गए सवालों को खारिज कर देंगे। उन्होंने कहा कि गर्भपात के मुद्दे पर उन्हें लड़खड़ाते देखना उनके लिए दुखद था, जहां स्पष्ट रूप से जीत मिल सकती थी।
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने सीएनएन पर श्री बाइडेन का बचाव करते हुए कहा “ बेशक यह एक धीमी शुरूआत है लेकिन अंत बहुत मजबूती से होगा।”
इस बहस के दौरान श्री बाइडेन पर अर्थव्यवस्था और उनकी विदेश नीति के रिकॉर्ड को लेकर बार-बार हमला किया गया। जबकि उन्होंने श्री ट्रम्प की आपराधिक सजा और वर्ष 2020 के राष्ट्रपति चुनाव को पलटने के कथित प्रयासों पर निशाना साधा। गुरुवार शाम तक, कई अमेरिकियों ने श्री बाइडेन की उम्र और पद के लिए उनकी योग्यता के बारे में चिंता व्यक्त की थी।
बीबीसी ने कहा, “ यह कहना कि इस बहस ने उन चिंताओं को शांत नहीं किया, शायद इस साल की सबसे बड़ी कमज़ोरियों में से एक है।”
समाचार चैनलों पर अधिकांश आलोचकों ने कहा कि श्री बाइडेन बहस में मुद्दों पर स्पष्टता की कमी के साथ आये थे, वह लडखड़ा गये, उनकी बात सपाट रही और उनके विचारों में अस्पष्टता साफ तौर पर नजर आयी , इसी कारण बहस में वह पिछड़े।
बहस के बीच में श्री बाइडेन के कैंपेन ने पत्रकारों को बताया कि राष्ट्रपति सर्दी-खांसी से जूझ रहे हैं और इस बीच उनकी ककर्श आवाज के कारण उनकी बात को समझ पाना और मुश्किल हो रहा था। दूसरी ओर श्री ट्रंप ने ऐसे बयान दिये जो सत्य नहीं थे और तथ्याें की पड़ताल करने वालों को ओवरड्राइव में डाल दिया। एक बार फिर से श्री ट्रंप ने चुनावों के परिणामों को स्वीकार करने की अनिच्छा जतायी जो चिंता का विषय है।
बीबीसी रिपोर्ट में कहा गया कि आम तौर पर बहस ने श्री बाइडेन की बढ़ती उम्र को उजागर किया, जबकि नियंत्रित प्रारूप ने श्री ट्रम्प को अधिक अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की।
रिपब्लिकन पार्टी ने बीबीसी से दावा किया कि इस बहस में श्री ट्रंप की साफ तौर पर जीत हुई है और वह खुद को स्पष्ट रूप से अग्रणी उम्मीदवार के रूप में सामने रख पाने में कामयाब रहे।
गौरतलब है कि वर्ष 2020 में श्री ट्रंप के हारने के बाद यह दूसरी बार है जब श्री बाइडेन और श्री ट्रंप, व्हाइट हाउस के लिए एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। अटलांटा जॉर्जिया की राजधानी है, जो एक प्रमुख युद्धक्षेत्र राज्य है और जिसे श्री बाइडेन ने वर्ष 2020 में 13,000 से कम वोटों से जीता था। अगली बहस पांच नवंबर के चुनावों से पहले 10 सितंबर को निर्धारित है। पंद्रह जुलाई को मिल्वाकी में एक रिपब्लिकन कन्वेंशन आयोजित किया जाएगा, और 19 अगस्त को शिकागो में डेमोक्रेटिक कन्वेंशन निर्धारित है।