जिला विकास समन्वयक एवं निगरानी समिति की बैठक में तय की गई थी डेड लाईन, अभी एक महीना तक करना पड़ सकता है इंतजार
सिंगरौली : पिछले माह में कलेक्ट्रोरेट सभागार में जिला विकास समन्वयक एवं निगरानी समिति की बैठक पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राधा सिंह एवं सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, सिंगरौली, देवसर एवं सिहावल विधायक के विशेष मौजूदगी में बैठक आयोजित की गई थी। जहां निर्माधीन सड़क एनएच 39 सीधी-सिंगरौली को लेकर विस्तार से चर्चा की गई थी।दरअसल पिछले माह कलेक्ट्रोरेट सभागार में आयोजित जिला विकास समन्वयक एवं निगरानी समिति की बैठक में वर्षो से निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग सीधी-सिंगरौली 39 फोरलेन के बारे में विधायकगणों के साथ-साथ राज्य मंत्री एवं नव निर्वाचित सांसद ने विस्तार से चर्चा करते हुये सड़क कार्य की प्रगति के बारे में एमपीआरडीसी के अधिकारियों से जानकारी ली गई।
इस दौरान सांसद ने एमपीआरडीसी व एनएच 39 के संविदाकार को निर्देशित करते हुये गोपद पुलिया का आवागमन चालू करने के लिए 30 जून का डेड लाईन तय किया। जहां एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने बड़े दमखम के साथ 30 जून की डेड लाईन को स्वीकार करते हुये आश्वस्त किया था कि 30 जून को गोपद पुलिस का टू लेन बनकर तैयार हो जाएगा और इसी तारीख से आवागमन चालू करा दिया जाएगा। एमपीआरडीसी के यह आश्वासन केवल पूर्व की तरह हवाहवाई ही बनकर रह गया । हालांकि इसके पहले भी सीधी-सिंगरौली एनएच 39 का कार्य पूर्णर् करने के लिए कम से कम एक दर्जन से अधिक डेड लाईन पूर्व में तय की जा चुकी है।
अब 30 जून को गोपद पुलिया बन्द कर टू लेन चालू नही हुआ तो अब फिर से एमपीआरडीसी के लापरवाह अधिकारियों एवं संविदाकार के सूस्त कार्यप्रणाली पर लोगबाग खूब सवाल पूछने लगे हैं। वही जनप्रतिनिधियों ने भी बड़े जोशखरोस के साथ पुलिया का आवागमन चालू कराने का दम भरा था। लेकिन 30 जून के बाद नेताओं को उक्त दम का भी हवा निकल गई। चर्चा है कि गोपद पुलिया का कार्य अभी पूर्ण होने में कम से कम एक पखवाड़ा या महीने भर वक्त लग सकता है। तब कही गोपद पुल का टू लेन बनकर तैयार हो सकता है। बशर्ते एमपीआरडीसी के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन को लगातार मॉनिटरिंग करनी पड़ेगी। नही तो आने वाले दिनों में फिर से पुलिया का कार्य पूर्ण कराने के लिए डेड लाईन तय करनी पड़ेगी। बहरहाल गोपद पुलिया के टू लेन के कार्य पूर्णतया की डेड लाईन 30 जून को समाप्त हो गई। इसके बावजूद आवागमन चालू न होने पर एमपीआरडीसी एवं संविदाकार का उदासीन अमला सवालों के घेरे में घिरा हुआ है।
कार्य पूर्ण कराने के लिए मिलती रही तारीख पर तारीख
13 वर्षो से निर्माणाधीन सीधी-सिंगरौली एनएच 39 फोरलेन का कार्य को पूर्ण कराने के लिए वर्ष 2016 से डेड लाईन तय की जाती रही है। लेकिन निर्माणकार्य का नतीजा ठाक के तीनपात की तरह निकला है। यहां तक की केन्द्रीय परिवहन मंत्री ने नितिन गड़करी ने सीधी-सिंगरौली मार्ग को लेकर कई बार नाराजगी जाहिर करते हुये दुख भी व्यक्त कर चुके हैं। फिर भी कार्य की प्रगति विशेष नही दिखी। वही एमपीआरडीसी के मुख्य अभियंता ने भी तीन-तीन बार सड़क का कार्य कराने के लिए पूर्ण कराने के लिए डेड लाईन दे चुके थे। साथ ही 31 मार्च के अन्दर पुलिया का कार्य पूर्ण कराकर आवागमन चालू कराने का आश्वासन दिया। लेकिन यह सब कुछ जुबा जुबानी तक सीमित रहा है। ऐसे में धीरे-धीरे जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के झूठे बातों से लोगों का भरोसा उठता जा रहा है।