धांधली: जेब भरने का साधन बना मनरेगा

पशु शेड और खेत तालाब योजना में जमकर हुई गड़बड़ी, जनपद प्रधान ने की शिकायत

 

सुसनेर, 11 जून. जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली क्षेत्र की अधिकांश ग्राम पंचायतों में पशु शेड निर्माण के नाम पर जमकर धांधली की गई है. वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 में बनाए गए पशु शेड अधिकांश जगहों पर कागजों में ही बना दिए गए हैं, तो कई जगहों पर शासकीय योजनाओं के तहत दिए गए आवासों को ही पशु शेड बताकर मजदूरों के नाम से राशि निकाल दी गई है.

जनपद प्रधान सुनीता कृष्णचंद पाटीदार ने इसकी लिखित शिकायत एसडीएम सोहन कनास से करते हुए मामले की जांच कर उचित कारवाई की मांग की है. जानकारी के अनुसार बीते दो वर्षों में कुल 1600 पशु शेड, जिनमें प्रत्येक की लागत 1 लाख 1 हजार रूपए है बनाए गए हैं. मनरेगा में निर्मित इन पशु शेडों की डीपीआर के अनुसार निर्माण कार्य में 60 प्रतिशत मजदूरी और 40 प्रतिशत सामग्री का भुगतान किया जाना है. ग्राम पंचायत ढाबला, परसुलिया, मोड़ी, निपानिया, पटपड़ा और फरसपुरा सहित करीब एक दर्जन से भी अधिक ग्राम पंचायतों में इस तरह की गड़बडिय़ां हैं. प्रशासन अगर इन ग्राम पंचायतों में दिए गए पशु शेडों का भौतिक सत्यापन मौके पर पहुंचकर करें, तो सारी सच्चाई सामने आ सकती है.

 

इनका कहना है

जहां की शिकायत मिलती है, वहां जांच के बाद कार्यवाही की जाती है. कई जगहों पर कार्यवाही की भी गई है. मेरी जानकारी के अनुसार कोई भुगतान लंबित नहीं है. फिर भी किसी का भुगतान लंबित है, तो जानकारी लेकर उसे कराया जाएगा.

– राजेश शाक्य, सीईओ जनपद पंचायत सुसनेर

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