पात्र पाए गये नर्सिंग कॉलेज की न्यायिक दंडाधिकारी की उपस्थिति में सीबीआई करे पुनः जांच

हाईकोर्ट ने दिये वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कराने के निर्देश

जबलपुर। हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी तथा जस्टिस ए के पालीवाल की युगलपीठ ने जांच में पात्र पाये गये 169 कॉलेजों की पुनः जांच के निर्देश सी बी आई को जारी किये हैं। युगलपीठ ने सीबीआई को निर्देशित किया है कि कॉलेज की जांच न्यायिक दंडाधिकारी की उपस्थिति में की जाये। पूरी जांच की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करवाई जाये। इस दौरान कॉलेज के संचालक पर प्राचार्य भी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे। याचिका पर अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गयी है।

लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश में संचालित 364 नर्सिंग कॉलेजों में से 56 कॉलेज की जांच पर सर्वोच्च न्यायालय में जांच पर स्थगन आदेश जारी किये हैं। सीबीआई के द्वारा 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच की गयी थी। जिसमें से 169 कॉलेज पात्र पाये गये हैं। जांच में 74 कॉलेज ऐसे हैं, जिसमें सुधार किया जा सकता है, तथा 65 कॉलेज अपात्र हैं।
याचिकाकर्ता की तरफ से हाईकोर्ट में पेश किये गये आवेदन में कहा गया था कि सीबीआई की तरफ से पेश की गयी जांच रिपोर्ट पर विश्वास करते हुए नर्सिंग कॉलेजों के संचालन तथा छात्रों को परीक्षा में शामिल किये जाने के संबंध में हाईकोर्ट ने पूर्व में विस्तृत आदेश जारी किये थे।

वर्तमान परिस्थिति में यह बात सामने आई है कि सीबीआई की पूरी जांच रिपोर्ट भरोसेमंद नहीं है। सीबीआई के जो अधिकारी नर्सिंग कॉलेजों की जांच का हिस्सा थे, उन्हें भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप है। दिल्ली सीबीआई ने उनके खिलाफ एफआईआर कर उन्हें गिरफ्तार किया है। आवेदन के साथ सीबीआई दिल्ली द्वारा दर्ज एफ आई आर की प्रति भी पेश की गयी। आवेदन में कहा गया था कि ऐसी स्थिति में सीबीआई की जांच रिपोर्ट पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। युगल पीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश पारित किये। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने पैरवी की।

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