अच्छे बहुमत के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सत्ता में वापस आ रहे हैं: सीतारमण

नयी दिल्ली 17 मई (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा में अच्छे बहुमत के साथ सत्ता में वापस आ रहे हैं।

श्रीमती सीतारमण ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की वार्षिक बिजनेस बैठक में उद्योग जगत के दिग्गजों को संबोधित करते हुए कहा, “हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अच्छे बहुमत के साथ वापस आ रहे हैं।”

देश में आम चुनाव चल रहे हैं। सात चरणों में से चार चरण संपन्न हो चुके हैं। वोटों की गिनती चार जून को होनी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सीआईआई टीम के साथ भी काफी विचार-विमर्श शुरू हो सकता है। देश में वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता है, जिसे आईएमएफ और एसएंडपी जैसी वैश्विक एजेंसियों ने मान्यता दी है। उपभोग खर्च में वृद्धि के कारण 2031 तक बड़ा भारतीय उपभोक्ता बाजार दोगुना होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि देश भविष्य में भी सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। इस विषय पर विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत अतीत की दोहरी बैलेंस शीट समस्या से आगे निकल चुका है। दोहरी बैलेंस शीट का लाभ, जिससे बाजार में जीवंतता आई है, जिससे एक तरफ कॉरपोरेट्स द्वारा निवेश विस्तार को बढ़ावा मिला है और दूसरी तरफ बैंकों की ऋण देने की इच्छा और क्षमता बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि अगले 30 वर्षाें तक जनसांख्यिकीय लाभांश देश के पास रहेगा। जब इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से कौशल विकास के साथ पूरक किया जाता है, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बड़े डेटा आदि जैसे क्षेत्र शामिल होते हैं, तो यह समृद्धि लाने और उपभोक्ता मांग बढ़ाने के लिए एक निश्चित उपाय है।

उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा और एक स्थायी भविष्य की ओर भारत का परिवर्तन नए बाजार और मांग पैदा करेगा। सरकार द्वारा सौर ऊर्जा पर जोर और हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के प्रति प्रोत्साहन भी युवाओं को रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की कहानी एक सम्मोहक विकास की कहानी है। देश में विकास के अपार अवसर हैं, जो अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों तक फैले हुए हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि देश को वैश्विक प्राइज सीरीज में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने और ‘आत्मनिर्भर’ बनने के लिए अपने मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में तेजी लाने की जरूरत है। मंत्री ने उत्पाद निर्माण और नीति समर्थन में अधिक शुद्धता ने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में हमारे भारतीय उद्योग के लिए काफी बड़ा दायरा देता है और पीएलआई योजना मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में भी बदलाव ला रही है। उन्होंने कहा कि 2014 में 78 प्रतिशत आयात से निर्भरता तक, आज भारत में बिकने वाले 99 प्रतिशत मोबाइल भारत में बने हैं।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग के विस्तार से भारत को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि भारत के पास अभी भी अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने का अवसर है क्योंकि दुनिया कोविड-19 के बाद चीन प्लस वन रणनीति पर ध्यान दे रही है।

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