वयोवृद्ध रिटायर्ड प्रोफेसर की पेंशन बदलकर आधी करने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

उच्च शिक्षा मंत्रालय सहित अन्य को नोटिस जारी
जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्व विद्यालय से सेवानिवृत्त वयोवृद्ध प्रोफेसर की पेंशन बदलकर आधी किये जाने के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने मामले में उच्च शिक्षा मंत्रालय सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं। एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को निर्धारित की है।

यह मामला साउथ सिविल लाईन जबलपुर निवासी 91 वर्षीय डॉ. मनोहर पंडित की ओर से दायर किया गया है। जिनकी ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे ने पक्ष रखा। जिन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता प्रोफेसर रानी दुर्गावती विश्व विद्यालय से वर्ष 1993 में प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति उपरांत उनकी पेंशन की गलत गणना की गई थी, जिस पर उन्होंने पूर्व में हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने वर्ष 1998 में उनके पक्ष में राहतकारी आदेश दिया। जिसके बाद शासन ने उनकी पेंशन में सुधार कर उसे शुरू की और 26 वर्ष तक उन्हें सही गणना के आधार पर पेंशन का भुगतान किया गया, लेकिन रिवाइज पेंशन नहीं दी गई। जिसको लेकर याचिकाकर्ता की ओर से कई अभ्यावेदन अनावेदकों को दिये गये। जिसके बाद नये नियमों के तहत पेंशन देने के बजाए 26 साल पहले की स्थिति की पेंशन के आदेश जारी कर याचिकाकर्ता की पेंशन आधी से भी कम कर दी गई। इतना ही नहीं इसके लिये आवेदक़ को किसी प्रकार का सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया गया। जिस पर पुन: हाईकोर्ट की शरण ली गई है।

मामले में उच्च शिक्षा मंत्रालय के सचिव, वित्त मंत्रालय के सचिव, उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी, आयुक्त उच्च शिक्षा, पेंशन अधिकारी, रादुविवि रजिस्ट्रार व मैनेजर इंडिया बैंक भोपाल को पक्षकार बनाया गया है। मामले की सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।

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