जिले में बनाये गये 104 खरीदी केन्द्र, जिले में अब तक समर्थन मूल्य पर हुई 28307 क्विंटल गेंहू की खरीद
नवभारत न्यूज
रीवा, 19 अप्रैल, भीषण गर्मी के बीच जिले के गेंहू खरीदी केन्द्रो में गेंहू की आवक पहुंचने लगी है. तमाम अव्यवस्थाओं के बीच समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो गई है. लेकिन केन्द्रो में जो व्यवस्था होनी चाहिये वह नही है. हालत यह है कि गेंहू की सफाई के लिये आवश्यक छन्ना भी केन्द्रो में नही है.
खरीदी केंद्रों ने जिला उपार्जन समिति को जो व्यवस्थाओं की जानकारी दी है, उसमें सभी आवश्यक व्यवस्थाओं का उल्लेख किया गया है. लेकिन मौके से यह व्यवस्थाएं नदारद हैं. सिर्फ इस बार ही नहीं, इसके पहले कर भी आधी-अधूरी व्यवस्थाओं के बीच गेहूं की खरीदी होती थी. बताया गया है कि जिले में इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने 51 हजार 198 किसानों ने पंजीयन कराया है. जिले में निर्धारित 104 खरीदी केन्द्रों में पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीद की जा रही है. जिले में शुक्रवार तक 427 किसानों से 28307 क्विंटल गेंहू की खरीद की गयी है. इसके लिए किसानों को 6 करोड़ 79 लाख 38 हजार रुपए की राशि मंजूर की गयी है. जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए इस बार 119 खरीदी केंद्र बनाए जाने हैं. जिसमें से अभी तक 104 खरीदी केंद्र बना लिए गए हैं. इसमें से 78 केंद्र रीवा जिले में और 25 केंद्र मऊगंज जिले में बने हैं जो 16 केंद्र बचे हैं, उसके लिए प्रस्ताव मुख्यालय को भेज दिया गया है. खरीदी खरीदी केंद्रों में अस्थाई शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए, जो गोदाम स्तरीय केंद्रों को छोड़ कहीं नहीं हैं. इसके अलावा किसानों के बैठने की व्यवस्था नही है. खरीदी केन्द्रो में अव्यवस्थाएं शुरू है, गत वर्ष की तरह इस बार भी भीषण गर्मी में लोग खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर है. व्यवस्था केवल कागजो में है. इस संबंध में अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी ने बताया कि अब तक 1574 किसानों ने गेंहू उपार्जन के लिए स्लॉट बुक किये हैं. खरीदी केन्द्रों में गेंहू उपार्जन के लिए वारदाने, तौल कांटे तथा अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गयी हैं. किसान अपनी सुविधा के अनुसार खरीदी केन्द्र तथा खरीदी का स्लॉट बुक कर सकते हैं. पंजीकृत किसान जिले के किसी भी खरीदी केन्द्र में स्लॉट बुक करके गेंहू दे सकते हैं.
12 लाख क्विंटल का लक्ष्य
इस बार जिले में समर्थन मूल्य पर 12 लाख क्विंटल गेहूं की खरीदी का लक्ष्य लिया गया है. जबकि पिछले बार जिले में 7 लाख क्विंटल गेहूं की खरीदी ही हो पाई थी. बताया गया है कि करहिया मंडी में पिछले 2 साल से किसानों को व्यापारियों से अच्छी कीमत मिलने की वजह से किसान पंजीयन तो करा लेते हैं. लेकिन गेहूं को सरकारी दर पर न बेचकर व्यापारियों को बेचते हैं. इस बार भी यही माना जा रहा है कि लक्ष्य के अनुरूप गेहूं की खरीदी संभव नहीं होगी.