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ओंकारेश्वर। चैत्र मास की सोमवती अमावस्या जिसे भूतड़ी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। दो दिन से ओंकारेश्वर में भक्तों की भीड़ लगी हुई है । करीब एक लाख से अधिक भक्त आए।
मालवा-निमाड़ के ग्रामीण क्षेत्र के भक्तों की संख्या काफी रहती है । संगम घाट, नागर घाट, अभय घाट पर स्नान करने वालों की भीड़ रही । मंदिर में भक्तो को अच्छे दर्शन कराए गए ।
मंगलवार को नव वर्ष 2081 शुरू हो रहा है । जिसे गुड़ी पड़वा कहा जाता है । इस दिन घर -घर में पूरन पूरी बनाई जाती है । नवरात्रि भी प्रतिपदा मंगलवार से शुरू होगी। अमावस्या पर खग्रास सूर्य ग्रहण था किंतु भारत में दिखाई नही देने से इसका सूतक नही माना गया । बड़ी बसों को मोटक्का से ही रोका गया। थापना,कोठी, हेलीपेड ,कुबेरभण्डारी,पार्किंग बालवाड़ी, नया बस स्टैंड , पर रोका गया वंहा से पैदल या टेम्पू से लोग आए। ओंकारेश्वर में सोमवती अमावस्या पर 5 किलोमीटर से पैदल आये भक्त और जाम भी लगता रहा।
ओंकार जी महाराज नगर भ्रमण पर निकले
सोमवती अमावस्या के पावन पर्व पर ज्योतिर्लिंग ओंकारजी महाराज मंदिर से अपरान्ह 4 बजे पालकी में सवार होकर ढोल धमाकों के साथ नगर भ्रमण के लिए निकले। कोटितीर्थ घाट पर विद्वान पंडितो द्वारा पवित्र नर्मदाजी के जल से अभिषेक पूजन सम्पन्न कराया। नर्मदाजी में नोका भ्रमण कराया गया ओंकार घाट से मुख्य बाजार से सायं वापस मंदिर पंहुचे। मार्ग में भक्तो ने पुष्प उड़ाकर कपूर आरती कर अभिवादन किया ।