सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में एक सेमिनार में बोलते हुए एक महत्वपूर्ण समस्या पर ध्यान आकर्षित किया है. यह समस्या केंद्र और राज्यों को हल करनी चाहिए. दरअसल, हाल ही में संसद में तीन नए कानून पारित किए गए. इन कानूनों ने अंग्रेजों के […]
संपादकीय
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सोमवार को दुनिया भर में पृथ्वी दिवस मनाया गया. स्वाभाविक रूप से इस समय दुनिया की सबसे बड़ी चिंता पर्यावरण संतुलन और पृथ्वी के तापमान को लेकर है. जिस तेजी से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है. उससे ऐसा लग रहा है कि पुराणों में जिस प्रलय की कल्पना की […]
2024 के लोकसभा चुनाव में मतदान का पहला चरण पूर्ण हो चुका है.इसलिए चुनाव प्रक्रिया में कोई बड़ा बदलाव हो यह संभव नहीं है लेकिन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ईवीएम को लेकर विपक्षी दल लगातार सवाल उठा रहे हैं. वैसे यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी दायर हो चुका है. सुप्रीम […]
यह विडंबना है कि भारत में नियामक कानून न होने की वजह से अनेक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां बच्चों की सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं. बच्चों की सेहत बनाने के दावे के साथ ये मुनाफे का कारोबार करती आ रही हैं. इनमें बोर्नविटा और इसी तरह के बहुराष्ट्रीय कंपनियों […]
मौजूदा दौर की राजनीति में रेवड़ी संस्कृति बढ़ती जा रही है. अर्थव्यवस्था की दृष्टि से ये रेवड़ी संस्कृति (या अप संस्कृति) हमारे देश को भारी पडऩे वाली है! देश के अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री इस पर लंबे समय से चिंता जाता रहे हैं. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी रेवड़ी […]
2024 के लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को संपन्न हो जाएगा. अब तक सभी राजनीतिक दलों ने अपने घोषणा पत्र या संकल्प पत्र जारी कर दिए हैं. इन घोषणा पत्रों से पता चलता है कि इनमें शिक्षा को बहुत अधिक महत्व नहीं दिया गया है. भाजपा […]
क्या हमारा देश कर्ज की जाल में फंस रहा है.यह देश के नीति निर्धारकों के लिए गंभीर प्रश्न है. चिंता यह है कि देश में घरेलू कर्ज़़ की बढ़ोतरी रुक नहीं रही है. कर्ज के ये आंकड़े ज़्यादा पुराने नहीं हैं,दिसंबर 2023 में घरेलू कर्ज अपने सर्वाधिक स्तर पर पहुंच […]
दुनिया के समक्ष ईरान और इजरायल युद्ध का नया खतरा मंडराने लगा है. शनिवार आधी रात को ईरान ने इसराइल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला कर दिया. जाहिर है इजरायल भी चुप रहने वाला नहीं है. इसके पहले हमास के कारण गाजा पट्टी युद्ध का विध्वंस सहन कर चुकी […]
चुनाव आते ही सभी राजनीतिक दलों ने अपने घोषणा और संकल्प पत्रों का ऐलान शुरू कर दिया है. यह एक तरह का चुनावी कर्मकांड है जिसे सभी राजनीतिक दल निभाते हैं. सभी घोषणा पत्रों को देखने से पता चलता है कि मध्यम वर्ग का ध्यान सबसे कम रखा गया है. […]
देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति धनंजय विष्णु चंद्रचूड़ ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान न्यायिक सुधार पर नए सिरे से बहस छेडऩे की कोशिश की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से न्यायालय में प्रकरण लंबित रहते हैं और न्यायाधीश सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखते हैं […]