19 को भोपाल में वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा
इंदौर:लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस कमेटी गठित होने की चर्चा है, लेकिन अब कमेटी कभी भी घोषित हो सकती है. वहीं बताया जा रहा है कि 19 अक्टूबर को भोपाल में वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा होने का रहा है. इसमें प्रदेश के सभी जिला और शहर अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है.लोकसभा चुनावों के एक साल बाद भी प्रदेश कांग्रेस का गठन नहीं हो सका है. कांग्रेस हाईकमान हरियाणा चुनाव में व्यस्त होने से मध्यप्रदेश के नेता कमेटी को अंतिम रूप नहीं दे पा रहे थे. प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह भी जल्दी नहीं कर रहे थे, क्योंकि उनकी पटवारी से पटरी नहीं बैठ रही थी. चर्चा थी कि पटवारी ने प्रभारी को हटाने का बोल दिया था, लेकिन भंवर जितेंद्र सिंह के कानों तक यह बात पहुंची, तो उन्होंने पटवारी की सूची पर मोहर ही नहीं लगने दी. राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी पटवारी की कमेटी घोषित नहीं करने पक्ष में थे. खड़गे चाहते थे कि पहले लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा रिपोर्ट पर चर्चा हो. हार की चर्चा हुई या नहीं, यह अलग बात है, लेकिन फिलहाल मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के कभी भी घोषित करने की चर्चा जरूर है.
सभी बड़े नेता आएंगे
इसकी दो वजह है , एक आज कमलनाथ की राहुल गांधी से मुलाकात के साथ लंबी चर्चा होना है. दूसरा 19 अक्टूबर को भोपाल में प्रदेश के सभी बड़े नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, विवेक तनखा, अरुण यादव, उमंग सिंगार, अजय सिंह, डॉ. गोविंदसिंह, कमलेश्वर पटेल, कुणाल चौधरी, कांतिलाल भूरिया, मुकेश नायक, विक्रांत भूरिया, विपिन वानखेड़े सहित प्रदेश के अन्य वरिष्ठ नेता एकत्र हो रहे है.
इंदौर से ज्यादा नाम संभव
माना जा रहा है कि प्रदेश कमेटी में 90 से 120 नामों को जगह दी जा रही है. यह नाम वरिष्ठ नेताओं से आपसी तालमेल बिठाकर शामिल किए गए है। प्रदेश के हर जिले से तीन से चार नाम है, लेकिन इंदौर और अन्य बड़े जिलों से गुटीय संतुलन के चलते ज्यादा नाम भी हो सकते है. इंदौर से स्वयं प्रदेश अध्यक्ष आते है और यहां सभी नेताओं के समर्थक है.
ताकत बढ़ेगी
प्रदेश कांग्रेस कमेटी घोषित होने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन कमेटी गठित होने से पटवारी की साख बची रहेगी. कांग्रेस संगठन में पद मिलने से पार्टी की कुछ प्रतिशत ताकत बढ़ने की संभावना जरूर ही सकती है.