इंदौर क्लाइमेट मिशन के तहत 10 प्रतिशत कॉर्बन कम करने लक्ष्य
इंदौर: जलवायु परिवर्तन आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या बन गई है. जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी का तापमान 1.3 डिग्री तक बढ़ चुका है. इसको रोकने के लिए सिर्फ पेड़ लगाना काफी नहीं है. आज जिस मात्रा में हम कॉर्बन उत्सर्जन कर रहे है, उसके लिए मनुष्य को जीवन शैली में परिवर्तन करना होगा. इंदौर देश में कॉर्बन उत्सर्जन कम करने में मिसाल बने, इसके लिए सौ दिन का इंदौर क्लाइमेट मिशन तैयार किया गया है. यदि इंदौर 10 प्रतिशत तक कॉर्बन उत्सर्जन कम करने में सफल रहता है तो वायुमंडल में चार सौ मिलियन किलोग्राम कॉर्बन उत्सर्जन कम होगा.
यह बात मुंबई आईआईटी ऊर्जा विभाग के प्रोफेसर चेतनसिंह सोलंकी ने आज पत्रकारों से चर्चा में कही. प्रोफेसर सोलंकी ने बताया कि आज जलवायु परिवर्तन हो गया है, यही कारण है कि कई तरह की पृथ्वी पर विषम घटनाएं हो रही है. जैसे रेगिस्तान में बाढ़, कनाडा के जंगलों में आग, उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आग, उड़ीसा के कई गांव समुद्र में डूब गए. यह सब 25 साल के भीतर हुआ है. जलवायु परिवर्तन में प्रदूषण की मात्रा दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. इसके लिए कॉर्बन ऊर्जा का प्रयोग कम करना होगा. पेट्रोल, डीजल और सीएनजी से ग्रीन हाउस गैस की मात्रा बढ़ने के कारण पृथ्वी का तापमान 1.2 से 1.3 डिग्री तक बढ़ गया है. पृथ्वी पर समुद्र का लेवल बढ़ रहा है. धरती पर जलवायु बेलेंस गड़बड़ हो रहा है. इसको रोकने के लिए सरकार या योजना काम नहीं करेगी, बल्कि मनुष्य को अपनी जीवन शैली में पृथ्वी के लिए परिवर्तन करना होगा.
100 दिन की योजना
इंदौर क्लाइमेट मिशन के तहत आगामी 1 दिसंबर से 10 मार्च तक सौ दिन की योजना तैयार की गई है. इसमें शहर का लोगों को कॉर्बन उत्सर्जन कम करने और ऊर्जा बचाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसके लिए शहर में पांच सौ वालेंटियर बनाएं जाएंगे, जो जनता और युवाओं को जोड़कर ऊर्जा सेविंग पर काम करेंगे. हमारा सौ दिन में लक्ष्य है कि इंदौर में 7 से10 प्रतिशत तक कॉर्बन ऊर्जा कम करें. इसमें हम सफल रहे तो इंदौर में 4 सौ मिलियन किलोग्राम ऊर्जा कम खर्च होगी. पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन रोकने में मदद मिलेगी.
ऊर्जा बचत में निपुण बनेः महापौर
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि कॉर्बन ऊर्जा बचत के दूरगामी परिणाम होंगे. हमारे बाद तीसरी पीढ़ी इसको भोगेगी. इंदौर का पर्यावरण एक्शन प्लान तैयार है। मेरा मत है कि सफाई के साथ हम ऊर्जा बचत में निपुण बने. इसके लिए हम सौ दिन तक नगर निगम, प्रशासन मिलकर प्रयास करेंगे. बाकी सारा प्लान सोलर गांधी के नाम से प्रसिद्ध प्रो चेतन सिंह सोलंकी के एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के साथ नगर निगम एमओयू करके सौ दिन का अभियान शुरू करेंगे.
ये निम्न तरीकों से कम किया जा सकता है :-
– ऊर्जा साक्षर बनाकर, हर व्यक्ति को हफ्ते एक दिन बिना प्रेस के कपड़े पहनने से शुरू करना होगा.
– छोटे छोटे उपाय करके जरूरत से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग , मिस यूज रोकना है.
– हफ्ते में एक दिन कच्चा भोजन करना
– हफ्ता एक दिन वाहन का उपयोग नहीं करना
– बिजली बिल कम करके