सियासत
महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. महाराष्ट्र देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है. उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें हैं, तो महाराष्ट्र में 48. भाजपा के लिए महाराष्ट्र इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा चुनाव में उसे करारा झटका लगा था. भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन महाराष्ट्र में बड़ी मुश्किल से 17 सीटें जीत पाया था. जबकि यूपीए को 30 सीटों पर सफलता मिली थी. लोकसभा चुनाव परिणाम के आधार पर कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र की सत्ता एनडीए के हाथ से जा सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा के नेतृत्व ने अपने चुनाव संचालन के महारथी नेताओं को वहां भेजा है.
बड़े नेताओं में जय भान सिंह पवैया, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद मेनन जैसे नेताओं को जवाबदारी दी गई है, लेकिन बूथ मैनेजमेंट के विशेषज्ञ अन्य नेताओं को भी महाराष्ट्र में लगाया गया है. इनमें संघ में काम कर चुके डॉ. निशिकांत खरे और भाजपा के संभागीय संगठन मंत्री रह चुके जयपाल सिंह चावड़ा जैसे नेता भी शामिल हैं. सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में सुमित्रा ताई, कृष्ण मुरारी मोघे, बाबू सिंह रघुवंशी, जीतू जिराती, सुदर्शन गुप्ता, रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया जैसे नेताओं को भी महाराष्ट्र में लगाया जाएगा. महाराष्ट्र की काफी सीमा मध्य प्रदेश से लगती है. महाराष्ट्र में नासिक, जलगांव, धुले, नंदुरबार, वर्धा, चंद्रपुर, भंडारा, नागपुर, रामटेक, जैसी लोकसभा सीटों में काफी संख्या में आदिवासी रहते हैं. इनमें भील आदिवासियों की संख्या भी काफी है. इसी के मद्देनजर आदिवासी अंचल में काम करने वाले नेताओं को महाराष्ट्र भेजा जा रहा है.
किसको कहां जवाबदारी…
वरिष्ठ बीजेपी नेता और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को नागपुर क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है. भाजपा के ओबीसी चेहरे और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री प्रहलाद पटेल को यवतमाल, वर्धा की जिम्मेदारी पर लगाया गया है. मध्य प्रदेश से पार्टी के एक अन्य नेता पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भंडारा-गोंदिया इलाके का प्रभार सौंपा गया है. इनके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और मध्य प्रदेश के संगठन महामंत्री रहे अरविंद मेनन को संभाजी नगर (औरंगाबाद) का प्रभार दिया गया है.