येरूशलम/तेहरान, 02 अक्टूबर (वार्ता) इजरायली सेना ने मंगलवार को कहा कि ईरान ने शाम को इजरायल पर मिसाइलों से कई हमले किए, साथ ही और भी मिसाइलें दागे जाने का अनुमान है।
इज़रायल की बचाव सेवाओं ने कहा कि तेल अवीव में छर्रे लगने से दो लोग मामूली रूप से घायल हुए हैं और शहर के उत्तरी हिस्से में एक इमारत क्षतिग्रस्त हो गई। इज़रायल में अभी तक किसी के हताहत होने की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है।
इज़रायली हवाईअड्डा प्राधिकरण ने एक बयान जारी कर देश के हवाई क्षेत्र को बंद करने की घोषणा की, साथ ही आने वाली उड़ानों को दूसरे देशों में भेज दिया गया। सुरक्षा कारणों से, जॉर्डन और इराक के निकटवर्ती देशों ने भी उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और हवाई यातायात को निलंबित करने की घोषणा की है।
इजरायल के चैनल 13 टीवी समाचार के अनुसार, ईरान ने जमीन से जमीन पर मार करने वाली कम से कम 200 मिसाइलें दागी, जिससे पूरे देश में सायरन सक्रिय हो गए और लाखों निवासियों को आश्रयों की ओर भागना पड़ा।
इजरायली सेना ने कहा कि देश में बड़े विस्फोट सुने गए क्योंकि या तो कुछ ईरानी मिसाइलों को सफलापूर्वक रोक दिया गया या इजरायली हवाई सुरक्षा को चकमा देकर कुछ अन्य इजरायली क्षेत्र में गिरे।
येरूशलम में शिन्हुआ के संवाददाताओं ने भी पुष्टि किया कि पूरे शहर में सायरन बज रहे थे, जोरदार विस्फोटों की आवाजें सुनाई दे रही थीं और निवासी हमलों के बीच आश्रय स्थल की तलाश कर रहे थे।
इस बीच, ईरान के सरकारी आईआरआईबी टीवी ने कहा कि ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने दावा किया है कि उसने दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलों से इजरायल को निशाना बनाया गया।
आईआरआईबी टीवी के अनुसार, आईआरजीसी ने एक बयान में कहा कि ये हमले इजरायल द्वारा हमास पोलित ब्यूरो प्रमुख इस्माइल हनीयेह, हिजबुल्लाह महासचिव सैय्यद हसन नसरल्लाह और वरिष्ठ आईआरजीसी कमांडर अब्बास निलफोरोशान की हत्याओं के साथ-साथ लेबनानी और फ़िलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ अमेरिकी समर्थन से इजरायली दुर्भावनापूर्ण हमलों को तेजी लाने के लिए किए गए।
आईआरजीसी ने कहा कि यह अभियान ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की मंजूरी और देश की सेना और रक्षा मंत्रालय के सहयोग से ईरान के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के निर्देश के बाद चलाया गया।
इसने चेतावनी दिया कि अगर इज़रायल ने ईरान पर हमला करके जवाबी कार्रवाई की तो उसे और भी “कुचलने वाले एवं विनाशकारी” हमलों का सामना करना पड़ेगा।