नयी दिल्ली,01 अक्टूबर (वार्ता) ‘लद्दाख एपेक्स बॉडी’और ‘कारगिरल डेमोक्रेटिक अलायंस’ सहित विभिन्न संगठनों ने केंद्र सरकार से केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे भारतीय संविधान की छठी अनुसूचि में शामिल करने की मांग करते हुए मंगलवार को कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती है, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, “हमारे प्रतिनिधि केंद्र शासित प्रदेशों को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और भारतीय संविधान की छठी अनुसूचित में शामिल करने सहित चार मागों को लेकर पद यात्रा पर निकले थे। वे दुर्गम रास्तों और विषम परिस्थियों का सामने करते हुए करीब एक हजार किलोमीटर की दूरी तय करके दिल्ली की सीमा पर पहुंचे, लेकिन यहां पर पुलिस ने उन्हें दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं कर दिया था।”
उन्होंने कहा, “दिल्ली पुलिस ने हमें बताया कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव है और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव के परिणाम अभी तक जारी नहीं हुए हैं, इसलिए दिल्ली की सीमाओं पर भारतय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 लागू कर दी गई है।”
उन्होंने कहा,“ जैसे ही इस बात की जानकारी हमारे प्रदेश में पहुंची कि दिल्ली पुलिस ने हमारे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जवलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित लद्दाख के करीब 120 लोगों हिरासत में ले लिया है, वैसे ही लोग सड़कों पर उतर आए हैं।”
उन्होंने कहा,“ हमारा इरादा कानून-व्यवस्था के लिए खतरा उत्पन्न करना नहीं है। हम अपनी मांगों को लेकर पिछले चार साल से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार हमारी मांगों को लेकर हमारे प्रतिनिधियों के साथ बात कर रही थी, लेकिन संसदीय चुनाव के दौरान सरकार ने वार्ता स्थगित कर दी थी और कहा था कि चुनाव के बाद फिर से वार्ता करेंगे, लेकिन अभी तक इस संबंध में सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया है।”
उन्होंने कहा, “हम सरकार से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, इसे भारतीय संविधान की छठी अनुसूचित में शामिल करने, लद्दाख के लिए अलग राज्य लोकसभा आयोग का गठन करने और लेह तथा कारगिल के लिए अलग-अलग संसदीय क्षेत्र का गठन करने की मांग कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा,“ हमारे प्रदेश में बेरोजगारी एक विकट समस्या है। शिक्षित युवकों को रोजगार नहीं मिल रहा है।जब लद्दाख जम्मू-कश्मीर में शामिल था, तो राज्य का लोकसभा आयोग था, जिसके जरिए अधिकारियों का चयन होता था, लेकिन राज्य का बंटवारा होने तथा लद्दाख नाम से केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भर्ती पूरी तरह की रूक गयी हैं।”
उल्लेखनीय है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने तथा इसे भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किये जाने की मांग को लेकर दिल्ली तक पदयात्रा करने वाले जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित लद्दाख के करीब 120 लोगों को दिल्ली पुलिस ने सोमवार को सिंघु बॉर्डर से हिरासत में ले लिया है।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्री वांगचुक और अन्य लोग सीमा पर रात बिताना चाहते थे। दिल्ली में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण उन्हें पहले वापस जाने के लिए कहा गया, लेकिन जब वे नहीं माने, तो सीमा पर पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने श्री वांगचुक समेत करीब 120 लोगों को हिरासत में ले लिया।
श्री वांगचुक और उनके समर्थक, केंद्र सरकार से लद्दाख के नेताओं के साथ उनकी मांगों पर बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह करने के लिए लेह से नयी दिल्ली तक पदयात्रा पर थे। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए लिखा, “मुझे हिरासत में लिया जा रहा है… दिल्ली बॉर्डर पर 150 पदयात्रियों के साथ, सैकड़ों की पुलिस फोर्स द्वारा। हमारे साथ कई बुजुर्ग, महिलाएं हैं। हमें नहीं पता क्या होगा। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, लोकतंत्र की जननी… बापू की समाधि तक सबसे शांतिपूर्ण मार्च पर थे… हे राम!”
गौरतलब है कि ‘लद्दाख एपेक्स बॉडी’ कारगिरल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ मिलकर पिछले चार वर्षों से केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूचित में शामिल किये जाने की मांग को लेकर संघर्ष कर रही है। इसके साथ ही लद्दाख के लिए राज्य लोकसभा आयोग का गठन करने और भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने और संसद में राज्य का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए लेह और कारगिल के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटों का गठन करने की मांग कर रही है।