खरगोन। जिला जेल में मंगलवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बंदियों ने अपने पितरों का तर्पण कर उनके मोक्ष की कामना की। इस अनुठे आयोजन से जेल में धार्मिक माहौल बना रहा। पितृ पक्ष के अवसर पर जेल प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 100 से अधिक बंदियों ने हिस्सा लिया। गायत्री परिवार के परिव्राजक सौरभ मोरे, बहन देव्यानी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ तर्पण विधि कराई। परिव्राजक मौरे ने बंदियों को तर्पण का महत्व बताते हुए कहा कि तर्पण हिन्दू धर्म के उन परंपरागत कर्मों में से एक है, जिसमें पितरों या पूर्वजों को जल और अन्न अर्पित करके उनकी आत्मा की शांति की कामना की जाती है। आप सच्चे भाव से जो भी अर्पित करते है उन तक पहुंचता है। इन 16 दिन में पितर अदृश्य रुप में हमारे बीच होते है, इसलिए आप अपनी बुराई उन्हें समर्पित कर सकते है। मौरे ने जेल प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि जेल में बंदियों के पितरों के तर्पण के लिए इस तरह का आयोजन करना सराहनीय है। इससे न केवल बंदियों के पितरों बल्कि बंदियों के लिए भी पितृदोष से मुक्ति पाने का अवसर है। जेल अधीक्षक विद्याभुषण प्रसाद ने कहा कि मान्यता है कि पिंडदान व तर्पण करने से जो हमारे बीच नही है, उनकी आत्मा को शांति व मोक्ष मिलती है, इसी धार्मिक मान्यता के तहत जेल प्रशासन ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया, ताकि कैदी भी अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट कर सकें। बंदियों को जेल प्रबंधन की ओर से ही दूध, पुष्प, पूजन सामग्री उपलब्ध कराई गई।
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