टोक्यो, 01 अक्टूबर (वार्ता)जापान की सत्ताधारी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता शिगेरू इशिबा को संसद के दोनों सदनों में बहुमत से जीतने के बाद मंगलवार को आधिकारिक तौर पर देश का प्रधानमंत्री चुना गया है।
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। श्री फुमियो के साथ ही उनकी पूरी कैबिनेट ने भी इस्तीफा दे दिया। श्री फुमियो का कार्यकाल तीन साल का रहा, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा।
श्री शेगेरू जापान के 102वें प्रधानमंत्री हैं और उन्होंने पहले ही वित्त मंत्री के रूप में काटसुनोबु काटो की नियुक्ति कर दी है।
जापान की संसद ‘नेशनल डाइट’ ने एक असाधारण सत्र आयोजित किया जिसमें नए प्रधानमंत्री का चयन किया गया। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेतृत्व वाले शासक गठबंधन के दोनों सदनों पर नियंत्रण होने के कारण 67 वर्षीय श्री शिगेरू को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 461 में से 291 वोट और हाउस ऑफ काउंसिलर्स में 242 में से 143 वोट मिले।इसके बाद उन्होंने अपने मंत्रिमंडल की घोषणा की, जिसमें 13 नए नाम, दो पुनर्नियुक्ति और पहले के मंत्री पद का अनुभव रखने वाले चार मंत्री शामिल हैं। यह जापान की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसमें श्री शिगेरू की नेतृत्व क्षमता और उनके मंत्रिमंडल की मजबूती पर सभी की निगाहें होंगी।
जापान के नए प्रधानमंत्री के रूप में श्री शिगेरू का शपथ ग्रहण समारोह सम्राट पैलेस में आयोजित किया जाएगा, इसके बाद वह शाम को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में अपनी नीति प्राथमिकताओं को साझा करेंगे।नयी कैबिनेट में पूर्व रक्षा मंत्री ताकेशी इवाया विदेश मामलों के मंत्री बने, जबकि पूर्व रक्षा मंत्री जनरल नकातानी एक बार फिर इस पद पर लौट आए। पूर्व प्रधानमंत्री के समय शीर्ष सरकारी प्रवक्ता रहे श्री योशिमासा हयाशी मुख्य कैबिनेट सचिव के पद पर बने रहेंगे।
श्री कात्सुनोबू काटो वित्त मंत्री का पद संभालेंगे, जबकि श्री योजी मुटो अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्री के रूप में काम करेंगे।कैबिनेट में केवल दो महिलाओं को नियुक्त किया गया। सुश्री तोशिको अबे को शिक्षा, संस्कृति, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में और सुश्री जुंको मिहारा को बच्चों की नीतियों के मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। किशिदा कैबिनेट की तुलना में महिला मंत्रियों की तीन संख्या कम हो गई।.
श्री शिगेरू जटिल मुद्दों वाले देश का नेतृत्व करने के लिए कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उनकी कार्य सूची में सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण कार्य एलडीपी में जनता के विश्वास को बहाल करना है। उन्होंने जल्द से जल्द जनादेश प्राप्त करने के महत्व पर जोर देते हुए नौ अक्टूबर को संसद के निचले सदन को भंग करने और 27 अक्टूबर को आम चुनाव बुलाने का फैसला किया है।