एक महीने तक चली जांच, पांच साल का रिकॉर्ड तैयार
जबलपुर:रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में ग्वालियर की नियंत्रक और महालेखा परीक्षक टीम द्वारा पिछ्ले एक महीने से जांच कर 5 साल का लेखा- जोखा तैयार किया है। जिसमें पिछले 5 साल में विश्वविद्यालय द्वारा किए गए कार्य के साथ-साथ अकाउंट, प्रशासनिक के साथ पुरानी ऑडिट रिपोर्ट की भी जांच कर अब टीम रवाना हो गई है। टीम द्वारा पिछले एक महीने में ऑडिट के हिसाब से सभी विभागों में बिल- बाउचर अन्य भुगतानों की जुड़ी फाइलों को भी खंगाल कर जांच की है। जानकारी के अनुसार टीम ने गोपनीय तरीके से सभी विभागों में अपना लेखा-जोखा तैयार किया है,और अब इस जांच के आधार पर लगभग 1 महीने बाद इसकी रिपोर्ट पेश होगी। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर से आई हुई नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की टीम पिछले 5 सालों की ऑडिट रिपोर्ट की जांच कर रहा है। इसमें 2019 से 2024 के बीच में हुए सभी एकाउंट्स और प्रशासनिक कार्यों के पूरे वही खाता खंगाले जा रहे हैं। जिसके माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किए गए कार्य और भुगतान से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी ऑडिट रिपोर्ट के माध्यम से तैयार की जा रही थी।
प्रशासनिक- टीचिंग सभी विभागों में जांच
जानकारी के अनुसार पिछले 1 महीने में टीम ने पूरे विश्वविद्यालय के प्रत्येक विभागों में पहुंचकर ऑडिट किया है। जिसमें टीम ने टीचिंग विभाग के साथ-साथ सभी प्रशासनिक विभागों में भी पहुंची और सैंपल बेसिस पर सभी जांच की हैं। जिसको गोपनीय तरीके से अपने रिकॉर्ड में टीम ने रखा हुआ है, जिसके आधार पर ही इन सभी विभागों की एक रिपोर्ट बनाई जाएगी।
डाउट होने पर मांगी जानकारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टीम ने लेखा विभाग और टीचिंग के कई विभागों में जब पहुंची तो उन्होंने अपनी ऑडिट के हिसाब से पहले जांच की थी। परंतु उन्हें जब उससे संतुष्टि नहीं हुई और कुछ डाउट समझ में आया तो उन्होंने संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों से उसकी और अधिक जानकारी पाने के लिए नोटिस भेजा गया, जिसके बाद विभाग द्वारा तुरंत ही उस जानकारी को उपलब्ध कराया गया।
लगभग एक महीने बाद आएगी रिपोर्ट
जानकारी के अनुसार नियंत्रण और महालेखा परीक्षक की ग्वालियर से आई हुई टीम रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में ऑडिट रिपोर्ट की जांच कर रवाना हुई है, वह उस जांच के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करेगी। लगभग एक महीने बाद टीम द्वारा वह रिपोर्ट विश्वविद्यालय में पेश की जाएगी। जिसके बाद ही जिस भी विभाग में कुछ खामियां या गड़बड़ी सामने आएगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।