सियासत
प्रदेश में कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा लक्ष्य पूरा करने और रिकॉर्ड बनाने के चक्कर में सदस्यता अभियान में फर्जीवाड़ा कर रही है. एक दो मामले ऐसे आए हैं जिससे संदेह जरूर पैदा होता है. लेकिन इस बार जो सदस्यता अभियान चल रहा है वह इतना पुख्ता है कि ज्यादा फर्जीवाड़े की गुंजाइश नहीं है. हां कुछ जगह यह जरूर हुआ है कि दबाव में सदस्य बनाए गए. दरअसल,
मध्य प्रदेश सहित देश भर में भारतीय जनता पार्टी इन दिनों सदस्यता अभियान चला रही है. इसे लेकर पार्टी में काफी उत्साह देखा जा रहा है. मध्य प्रदेश में पहले चरण में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को सदस्य बनाने का दावा किया जा रहा है. वही दूसरी तरफ कांग्रेस ने सदस्यता अभियान को फर्जी बताते हुए वीडी शर्मा पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेसी नेता भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के दावों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं कर रहे हैं.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 25 सितंबर को सदस्यता अभियान का पहला चरण पूरा होने पर बीजेपी द्वारा प्रदेश में सदस्यता महाअभियान का आयोजन किया गया था. इस में बताया गया कि कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बढ़चढ़कर काम किया और एक करोड़ से अधिक का टारगेट पूरा किया. तो वही एक करोड़ से अधिक सदस्य बनाने पर कांग्रेस ने वीडी शर्मा पर हमला बोलते हुए मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि जैसा फर्जी भाजपा का सदस्यता अभियान, वैसा ही फर्जी पार्टी अध्यक्ष वीडी शर्मा का बयान भी है. आए दिन मीडिया में खबरें आ रही है कि जबरन जनता को धमका कर, सरकारी तंत्र का प्रयोग करके भाजपा अपना फर्जी सदस्यता अभियान चला रही है.
उज्जैन में आउटसोर्स कर्मचारियों को भाजपा का सदस्य बनाने का काम दे दिया गया जिससे जनता के कार्य को रोका गया. हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा इन बातों को झूठा बता रहे है. कांग्रेसियों का कहना है कि सरकारी राशन की दुकान हो, सरकारी कॉलेज हो या हॉस्पिटल हो सभी जगह भाजपा का फर्जी सदस्यता अभियान चल रहा है, जनता परेशान है। सार्वजनिक स्थानों को भाजपा कार्यालय में तब्दील कर दिया गया है. क्या यह जन व्यवस्था और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग नहीं? क्या वीडी शर्मा मारपीट कर, सदस्य बनाने को सही मानते हैं?
हालांकि कुछ जगह की घटनाएं संदेह जरूर पैदा करती है लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि भाजपा संगठन की यह बहुत बड़ी कवायद है। इसमें भाजपा की पूरी मशीनरी लगी हुई है. फर्जी सदस्य बनाने की घटनाएं इतनी भी नहीं हैं कि इस पूरे अभियान को फर्जी बताया जाए. भाजपा के सूत्र बता रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा पांच फिसदी सदस्यों पर संदेह व्यक्त किया जा सकता है अन्यथा पार्टी का सदस्यता अभियान पूरी तरह से सही है. जहां तक इंदौर का सवाल है तो यहां बहुत कम विवादास्पद मामले सामने आए हैं.