सरकार को मिली जवाब पेश करने मोहलत
जबलपुर: फर्जी नर्सिंग मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में सरकार के द्वारा संशोधन कर मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी से नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्स हटाये जाने के खिलाफ आवेदन पेश किया गया। सरकार की तरफ से आवेदन पर जवाब पेश करने समय प्रदान करने का आग्रह किया गया। हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी तथा जस्टिस ए के पालीवाल की युगलपीठ ने चार सप्ताह का समय प्रदान करते हुए इंडियन नर्सिंग काउंसिल की तरफ से पूर्व में पेश किये गये जवाब के संबंध में हलफनामा पेश करने समय प्रदान करने का आग्रह किया गया। हाईकोर्ट जस्टिस जस्टिस संजय द्विवेदी एवं जस्टिस एके पालीवाल की युगलपीठ आग्रह को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 21 सितम्बर को निर्धारित की गयी है।
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की तरफ से दायर याचिका में प्रदेश में संचालित नर्सिंग कॉलेजों को चुनौती दी गयी थी। याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के निर्देश पर हुई जांच में प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश व मान्यता में हुई गंभीर अनियमितता को उजागर किया था। पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल और अरविन्दो मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से सत्र 2023-24 की मान्यता मान्यता प्रदान करने याचिका दायर की गयी थी। याचिका में कहा गया था कि कोर्ट में लंबित प्रकरण एवं सीबीआई जांच के कारण सरकार द्वारा 2023-24 की मान्यता प्रदान नहीं की गई है। इससे निजी विश्वविद्यालय को नुकसान उठाना पड़ रहा है। याचिका में राहत चाही गयी थी कि उन्हें सत्र 2023-24 की मान्यता दिलाई जाये।
याचिका की सुनवाई के दौरान आईएनसी की तरफ से षपथ-पत्र प्रस्तुत कर युगलपीइ को बताया गया कि सत्र 2023-24 की मान्यता एवं प्रवेश हेतु कट-ऑफ-डेट अब निकल चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा गया था कि सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू होने के कारण अब पिछले सत्र की मान्यता एवं प्रवेश हेतु घोषित की गई कट-ऑफ -डेट नहीं बढ़ाई जा सकती। नर्सिंग कॉलेज द्वारा नामांकन के लिए पोर्टल खोले जाने की मांग को युगलपीठ ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि बुधवार से परीक्षा प्रारंभ होने वाली है। परीक्षा में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं कर सकते हैं।