विंध्य की डायरी
डा0 रवि तिवारी
विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने समूचे विंध्य में किसान न्याय यात्रा के बहाने शक्ति प्रदर्शन कर यह संदेश दिया कि मजबूत विपक्ष के रूप में कांग्रेस दीवार की तरह खड़ी है. छत्रप की राजनीति और आपसी गुटबाजी से ऊपर उठकर सभी नेता किसानो के साथ सडक़ पर उतरे, किसानो के मुद्दो पर कांग्रेस आक्रामक दिखी, साथ ही भाजपा सरकार पर हमलावर रही. चुनाव के बाद कांग्रेस ऐसे मुद्दो की तलाश में थी जब वह सरकार को घेरने के साथ अपना शक्ति प्रदर्शन कर यह बता सके कि मजबूत विपक्ष की भूमिका में खड़ी है. सबसे बड़ी बात यह है कि विंध्य में अलग-थलग पड़ी पार्टी ने यह भी संदेश दिया कि अगर सरकार से लडऩा है तो एक होकर चलना होगा.
यही वजह है कि समूचे विंध्य में कांग्रेस नेताओ ने पूरी ताकत झोक दी और खुद ट्रैक्टर में सवार होकर ज्ञापन देने पहुंचे. हर नेता आक्रामक था ऐसा लग रहा था कि कोई प्रतियोगी प्रदर्शन है जिसमें खुद को साबित करना है. सतना से लेकर ऊर्जाधानी तक नेताओ का जो तेवर देखने को मिला, उससे यही समझ में आ रहा था. रीवा में पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने मोर्चा सम्भाला तो इसी तरह अन्य जिलो में वरिष्ठ कांग्रेसियो ने झंडा उठाकर किसानो के हक की बात की. साथ ही सरकार को अल्टीमेटम भी दिया कि अगर किसानो के साथ न्याय नही हुआ तो उग्र आन्दोलन होगा. लंबे समय के बाद लामबंद कांग्रेस नेताओ ने अपनी ताकत का अहसास कराया. विंध्य की राजनीति में कभी कांग्रेस का बोलबाला था और उस प्रतिष्ठा को पाने के लिये उसी तरह कांग्रेसियो को सडक़ पर उतर कर मैदान में लड़ाई लडऩे की जरूरत है. नही तो आने वाले समय में एक सीट बचा पाना विंध्य में मुश्किल होगा.
पानी ने रोका तो मुख्यमंत्री ने की सौगातो की बरसात
झमाझम बारिश ने प्रदेश के मुखिया डा0 मोहन यादव को त्योंथर आने से भले ही रोक दिया हो पर क्षेत्र की जनता का अपार स्नेह और विपरीत परिस्थितियों में उमड़े जन सैलाब को देखकर सौगातो की बरसात मुख्यमंत्री ने की. प्रकृति ने साथ नही दिया और परिस्थितिया कुछ ऐसी बनी कि जबलपुर से ही वर्चुअली कार्यक्रम को सम्बोधित करना पड़ा. मुख्यमंत्री आने को व्याकुल थे उडऩ खटोला से न सही सडक़ मार्ग से ही त्योंथर पहुंचने का कार्यक्रम भी जारी हुआ पर नियति को कुछ और ही मंजूर था. जन अपेक्षाओ को देखते हुए घोषणाएं कर मुख्यमंत्री ने यह संदेश दिया कि त्योंथर किसी भी क्षेत्र में पीछे नही रहेगा फिर चाहे औद्योगिक विकास केन्द्र हो या फिर हर खेत तक पानी, कई घोषणाओ के साथ मुख्यमंत्री की दरियादिली के प्रति क्षेत्रीय विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने भी कृत्यज्ञता व्यक्त की है. उमड़ी भीड़ ने यह भी संकेत और संदेश दिया कि सिद्धार्थ उनके सच्चे जन सेवक है तभी तो आंधी बारिश भी रास्ता नही रोक पाई. सिद्धार्थ के राजनीतिक पांव अंगद की तरह जम गये है पर कुछ प्रतिद्वंदी राजनीतिक पांव को उखाडऩे की असफल कोशिश कर रहे है पर शायद इनको यह मालूम नही कि सिद्धार्थ के खून में ही राजनीति है. दादा श्रीयुत जैसे राजनीतिक तेवर और पिता जैसे स्पष्टवादी के साथ मुखर वक्ता की छवि दिखाई देती है और यह उड़ान लम्बी दूरी तय करेगी आने वाले भविष्य में