जर्जर दीवार गिरने के बाद भी अधिकारी मौन, आवागमन में हो रही परेशानी
जबलपुर: डॉ राजेंद्र प्रसाद वार्ड क्रमांक 37 के अंतर्गत जर्जर दीवार भारी बारिश के चलते अचानक गिर गई थी। परंतु एक सप्ताह बाद भी किसी भी अधिकारी- कर्मचारी इसकी सुध लेने के लिए नहीं पहुंचे हैं। इसके चलते दीवार के भीतर भरा हुआ मलमा दीवार गिरने के कारण आधी सडक़ तक फैल चुका है। जिस पर किसी भी अधिकारी- कर्मचारी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दीवार गिर जाने के कारण मलमा यहां के लोगों के लिए आफत बन चुका है। बीच सडक़ पर पड़े मलबे के कारण यहां से लोगों को निकालने में काफी परेशानी हो रही है। इसके अलावा ज्यादा यातायात प्रभावित होने से कई बार ट्रैफिक जाम की स्थिति भी निर्मित हो जाती है।
उल्लखेनीय है कि डॉ राजेंद्र प्रसाद वार्ड के अंतर्गत आने वाले जर्जर भवन को विगत वर्ष पहले नगर निगम द्वारा चिन्हित करके तोड़ा गया था। परंतु जिस गली में भवन की जर्जर दीवार को चिन्हित किया गया था, उसको ऐसे ही छोड़ दिया गया। जिसके चलते बारिश होने के कारण दीवार पूरी तरह से झुक रही थी। परंतु प्रशासन ने इस पर कोई भी सुध नहीं ली, जिसके कारण पिछ्ले सोमवर देर रात से हो रही बारिश के कारण मंगलवार सुबह-सुबह यह दीवार पूरी तरह से गिर गई।
नाली हो गई बंद, पानी निकलने जगह नहीं
जर्जर दीवार गिर जाने के कारण यहां पर बनी नाली भी मलबे में दबकर पूरी तरह से बंद हो गई है। आधी सडक़ तक पड़ा मलमे से सडक़ का पानी भी नाली में नहीं जा पा रहा है, इसके चलते यहां पर बारिश के समय पानी की निकासी पूरी तरह से बंद हो जाने के कारण बीच सडक़ में पानी भरा रहता है, जिसके कारण लोगों को निकलने में भी काफी दिक्कत होती है।
औपचारिकता निभाकर चली गई जेसीबी
जर्जर दीवार गिरने के बाद क्षेत्रीजनों ने नगर निगम को इसकी सूचना दी, जिसके बाद जेसीबी द्वारा सडक़ पर पड़े मलमा को उठाकर दोनों तरफ़ ढेर लगा दिया गया। परंतु वह भी ठीक तरीके से न होने के कारण मलमा फिर बीच सडक़ तक आ गया है। जिसके कारण यहां पर निकलने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही थी,वहीं अगर पानी गिरता है तो मलमा में कीचड़ हो जाने के कारण यहां से गुजरने वाले वाहन स्लिप होने से दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है।
इनका कहना है
मैं दिखवा लेता हूं, और मलबे को भी उठा लिया जाएगा।
सागर बोरकर, सहा. आयुक्त अतिक्रमण शाखा