गांधीनगर 09 दिसंबर (वार्ता) गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शुक्रवार को 14 वीं विधानसभा को भंग कर दिया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल हालांकि, नयी सरकार के गठन और अगली व्यवस्था होने तक कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
श्री देवव्रत ने संविधान की धारा 174 (2) (ख) में दी गयी शक्तियों का उपयोग करते हुए ऐसा किया है। नये सरकार के गठन की प्रक्रिया की शुरूआत के लिए 14 वीं विधानसभा का भंग किया जाना जरूरी था।
राज्य की 182 सदस्यीय विधानसभा की 15 वीं विधासभा के चयन के लिए पिछले 27 साल से सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार स्पष्ट बहुमत 156 सीटें जीत लीं हैं। कांग्रेस को 17 सीटें और निर्दलियों को तीन सीट हासिल हुई हैं। आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने क्रमश: पांच और एक से अपना खाता खोल दिया है। गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आठ दिसंबर को घोषित हुए थे। गुजरात विधानसभा चुनाव की मतगणना में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) ने लगातार सातवीं जीत हासिल करके जीत का रिकॉर्ड तोड़ दिया और अपनी सत्ता बरकरार रखी है।
उल्लेखनीय है कि पिछली बार वर्ष 2017 में 182 सदस्यीय विधानसभा में 22 साल से सत्तारूढ़ रहते हुए भाजपा को सामान्य बहुमत से सात अधिक 99, कांग्रेस को 77, इसकी सहयोगी भारतीय ट्राइबल पार्टी को दो, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को एक और तीन निर्दलियों को जीत हासिल हुई थी। वर्ष 2012 के पिछले चुनाव में भाजपा ने 115, कांग्रेस ने 61, राकांपा और केशुभाई पटेल की गुजरात परिवर्तन पार्टी जिसका बाद में भाजपा में विलय हो गया था उसने दो और जदयू तथा निर्दलीय ने एक-एक सीटें जीती थीं।