पटवारी और कांग्रेस प्रभारी में खींचतान
इंदौर: कल कांग्रेस का कलेक्टर कार्यालय पर किसान आंदोलन है. आंदोलन में प्रदेश प्रभारी शामिल होने वाले थे, लेकिन ऐन वक्त पर प्रभारी का आना निरस्त हो गया है. इसके पीछे चर्चा यह है कि प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी में आपसी खींचतान चल रही है. खींचतान की वजह विजयवर्गीय कांड है , जिसमें शहर के दोनों अध्यक्षों को हटाने का कहा गया था.मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रदेश के सभी ज़िला मुख्यालयों पर 20 सितंबर को किसान समस्याओं को लेकर आंदोलन किया जा रहा है.
इसी आंदोलन में भाग लेने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भँवर जितेंद्र सिंह इंदौर आने वाले थे. प्रदेश कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी गई है कि इस किसान आंदोलन में अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह भाग लेंगे. इससे समझा जा सकता है कि प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह आंदोलन में भाग नहीं लेंगे. प्रदेश प्रभारी का दौरा निरस्त होने को प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और जितेंद्र सिंह के बीच चल रही खींचतान से जोड़ कर देखा जा रहा है. यह दूसरी बार है कि प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह का इंदौर दौरा निरस्त हुआ है.
शीत युद्ध में तब्दील हुआ मामला
ध्यान रहे कि पौधारोपण अभियान में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कांग्रेस कार्यालय गांधीभवन गए थे। उस दौरान उनका जमकर स्वागत करने और उनको गुलाब जामुन खिलाने के मामले में प्रभारी भँवर जितेंद्र सिंह ने बहुत नाराजगी जताई थी. इसे पार्टी लाइन के खिलाफ मानते हुए ज़िला और शहर अध्यक्ष को हटाने की बात कही थी. प्रदेश कांग्रेस जीतू पटवारी अध्यक्ष ने दोनों को नोटिस दे देकर जवाब मांगा था. इसके बाद मामले को रफा दफा कर दिया गया. बताया जाता है कि अध्यक्षों को हटाने के निर्णय को दिग्विजय सिंह ने रुकवा दिया था. जब से यह मामला शीत युद्ध में तब्दील हो गया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के नौ महीने बाद भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रभारी से अनबन के चलते नहीं बन पा रही है.