नयी दिल्ली, (वार्ता)अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों के संगठन इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईस्पा) ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो ) के राॅकेट से शनिवार को भारतीय स्टार्टाअप इकाइयों द्वारा विकसित उपग्रहों के प्रक्षेपण पर प्रसन्नता व्यक्त की और इसे अंतरिक्ष उद्योग में अपनी भूमिका स्थापित करने की निजी इकाइयों की दृढ इच्छा शक्ति का प्रमाण बताया है।
संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने एक बयान में कहा, ‘ इसरो के प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी54/ईओएस-06 पर ‘पिक्सेल- और ‘ध्रुव’ अंतरिक्ष उपग्रहों के प्रक्षेपण मिशन ने आज फिर से भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप की क्षमता और क्षमता का प्रदर्शन किया ।
आज का प्रक्षपण भारतीय निजी अंतरिक्ष उद्योग द्वारा नई चुनौतियों का सामना करने और इसके लिए जोर देने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का विकास करने में योगदान करने के उसके दृढ़ संकल्प का प्रमाण है।
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इससे पहले 18 नवंबर को इसरो के श्री हरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से हैदराबाद की कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस प्रा लि का रॉके विक्रम-एस प्रक्षेपित किया गया था।
बयान में कहा गया है कि भारत का उपग्रह सेवाओं और अनुप्रयोग बाजार पर विशेष रूप से निम्न विलम्बता वाले उच्च फ्रिक्वेंसी बैंडविड्थ की बढ़ी हुई मांग के समाधानों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि आबादी के लिए संचार सेवाएं, इंटरनेट आफ दी थिंग्स (आईटीओ), और रिमोट सेंसिंग सेवाओं के विस्तार की आवश्यकता को पूरा किया जा सके।
आईस्पा की एक रिपोर्ट के अनुसार, अतरिक्ष बाजार में उपग्रह सेवाएं और एप्लिकेशन का हिस्सा सबसे बड़ा हिस्सा रहने की उम्मीद है।
इसका हिस्सा 36 प्रतिशत तक रह सकता है।