खबर का असर
राजस्व-स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीमें गठित, 20 दिन में जांच करनी होगी पूरी
कमिश्नर-कलेक्टर ने लिया एक्शन
जबलपुर: सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत 26 अगस्त को बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद भी आयुष्मान सूची मेंं शामिल शहर के 31 निजी अस्पतालों की जांच नहीं हो रही थी जबकि यहां भी सरकारी खजाने में डाका डालने जाने की आशंका थी। जांच नहीं होने से स्वास्थ्य विभाग और आयुष्मान योजना के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाने लगे थे। नवभारत ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए 9 नवम्बर को ख़बर प्रकाशित किया था जिस का असर अब दिखने लगा है। संभागायुक्त बी. चंद्रशेखर ने एक्शन लेते हुए आयुष्मान से अनुबंधित निजी अस्पतालों की जांच के निर्देश दे दिए। जबलपुर के 31अस्पतालों की जांच के लिए राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीमें गठित की गई हैं। कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन द्वारा गठित की गई इन टीमों को आयुष्मान से अनुबंधित इन अस्पतालों की जांच 20 दिन के भीतर कर लेने और जांच प्रतिवेदन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।
इन्हें दी गई जांच की जिम्मेदारी
कलेक्टर श्री सुमन द्वारा गठित किये गये जांच दलों में अपर कलेक्टर एवं एसडीएम आधारताल नम: शिवाय अरजरिया और जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीजे मोहंती की टीम, एसडीएम ऋषभ जैन एवं जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. आर.के. पहारिया की टीम, तहसीलदार आधारताल राजेश सिंह और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एस.एस. दाहिया की टीम, तहसीलदार गोरखपुर अनूप श्रीवास्तव एवं जिला क्षय अधिकारी डॉ. धीरज धबंडे की टीम, एसडीएम दिव्या अवस्थी एवं आरएमओ डॉ. रत्नेश नामदेव, जिला चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. तरूण अहिरवाल की टीम समेत अन्य को अस्पतालों की जांच का कार्य सौंपा गया है।
इन अस्पतालों की होना है जांच
जिन अस्पतालों की जांच होना है उसमें आदित्य सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दुबे सर्जिकल एण्ड डेंटल हॉस्पिटल, अनंत नर्सिंग होम प्राइवेट लिमिटेड एवं अनुश्री नेत्र चिकित्सालय एण्ड रेटिना केयर हॉस्पिटल, आशीष हॉस्पिटल, बटालिया आई हॉस्पिटल, इनफिनिटी हार्ट इंस्टीट्यूट एवं बाम्बे हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, केयर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दादा वीरेन्द्र पुरी जी आई इंस्टीट्यूट, अजय भंडारी एसोसिएट एवं एचएन नेमा मेमोरियल सुपर स्पेशलिटी हार्ट एण्ड क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल, गैलेक्सी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, गोलछा हॉस्पिटल एण्ड यूरोलॉजिकल रिसर्च सेंटर, भंडारी हॉस्पिटल और जामदार हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, जन ज्योति सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल, कोठारी हॉस्पिटल, लक्ष्मी नारायण हॉस्पिटल एवं मारबल सिटी हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, मोहनलाल हरगोविंददास पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल, नेशनल हॉस्पिटल, पांडे हॉस्पिटल एवं सांई शिवा नेत्रालय, संजीवन हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, संस्कारधानी हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, सप्त ऋषि हॉस्पिटल और मेट्रो हॉस्पिटल एण्ड कैंसर रिसर्च सेंटर, सेठ मन्नूलाल जगन्नाथ दास ट्रस्ट हॉस्पिटल, शैल्बी हॉस्पिटल और सुख सागर मेडीकल कालेज एण्ड हॉस्पिटल शामिल है।
यह फर्जीवाड़ा हुआ था उजागर
विदित हो कि पुलिस की टीम ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर विगत 26 अगस्त को सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में छापा मारा था। उस समय अस्पताल के अलावा बाजू में होटल वेगा में भी छापा मारा गया था। जांच के दौरान होटल वेगा और अस्पताल में आयुष्मान कार्डधारी मरीज भर्ती पाए गए थे। अस्पताल संचालक दुहिता पाठक और उसके पति डा.अश्विनी कुमार पाठक ने कई लोगों को फर्जी मरीज बनाकर यहां रखा था। सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल में दो से ढाई साल में लगभग चार हजार मरीजों का इलाज हुआ था जिसके एवज में सरकार द्वारा तकरीबन 13 बारह करोड़ रुपये का भुगतान अस्पताल को किया गया था। इतना बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद भी अन्य अस्पतालों की जांच नहीं हो रही थी।