जिले के पंचायत ग्रामीण विकास विभाग की व्यवस्थाएं हुई बेपटरी
सिंगरौली : जिला पंचायत के साथ-साथ देवसर जनपद पंचायत दफ्तर बैसाखी के सहारे चल रहा है। दोनों जगह मुखिया नहीं हैं। यहां के दफ्तरों का कामकाज का सर्वे-सर्वा अनुराग मोदी को देखना पड़ रहा है। वहीं जिला पंचायत के लिए स्थानांतरित सीईओ ज्वाइन करने से इंकार कर दिया है।दरअसल जिला पंचायत सीईओ साकेत मालवीय को सीधी का कलेक्टर बनाकर स्थानांतरित कर दिया गया था। साकेत मालवीय के स्थान पर अनूपपुर जिले में पदस्थ अपर कलेक्टर 2001 बैच सरोधन सिंह को मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थापना इसी माह प्रथम सप्ताह में ही की गयी थी। किन्तु सूत्र बता रहे हैं कि स्थानांतरित सीईओ सिंगरौली में ज्वाइन करने से मना कर दिया है। जिला पंचायत में ही चर्चाएं हैं कि वे सेवानिवृत्त होने के कगार पर हैं और ज्यादा बोझ लेना पसंद नहीं है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्य की अधिकता को देख उन्होंने ज्वाइन करने से मना कर दिया है। साथ ही यह भी चर्चा है कि ज्यादा इधर-उधर हाथ-पैर नहीं मारते और न ही वर्तमान सिस्टम उन्हें पसंद है। इसीलिए वे ज्वाइन करने से कतरा रहे हैं। ऐसे हालात में जिला पंचायत दफ्तर एक पखवाड़े से मुखिया विहीन है। अतिरिक्त जिला पंचायत सीईओ अनुराग मोदी प्रभारी बने हुए हैं। हालांकि उनके पास इसके पूर्व देवसर जनपद पंचायत के सीईओ का प्रभारी संभाले हुए हैं। एक साथ दो-दो अतिरिक्त प्रभार से उनके कामकाज की व्यस्तता इतनी बढ़ गयी है कि जनपद देवसर भी जाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।
जिला पंचायत के साथ-साथ जनपद देवसर की व्यवस्थाएं बेपटरी पर हो गयी हैं। वहीं यह भी चर्चा है कि जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का कामकाज ठप पड़ा हुआ है। ग्रामीण रोजगार पाने दर-दर भटक रहे हैं। कई पंचायतों के पास पैसे का अभाव है। फिलहाल जिला पंचायत सीईओ विहीन होने पर पंचायत एवं ग्रामीण विभाग से जुड़े जनप्रतिनिधि सरकार पर ही तरह-तरह के सवाल उठाते हुए प्रभारी मंत्री को भी आड़े हाथो ले रहे हैं।