योजना के क्रियान्वयन से नर्मदा नदी में भी बढ़ जाएगा जल का स्तरः चौहान
इंदौर: विश्व की सबसे बड़ी ताप्ती नदी जल पुनर्भरण योजना में जमीन के अंदर प्रदेश के सबसे जागरूक शहर इंदौर से 40 गुना ज्यादा पानी जाएगा. इस योजना का क्रियान्वयन होने से नर्मदा नदी में भी पानी का स्तर बढ़ जाएगा.यह जानकारी इंजीनियर मुकेश चौहान ने आज ताप्ती घाटी वृहद भूजल पुनर्भरण योजना पर अपना प्रस्तुतीकरण देते हुए दी. इस कार्यक्रम का आयोजन डेवलपमेंट फाउंडेशन, अभ्यास मंडल और इंडियन वाटर वर्क्स संगठन के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. एसजीएसआइटिएस कॉलेज के सभागार में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में विश्व की सबसे बड़ी वाटर हार्वेस्टिंग की योजना को प्रस्तुत करते हुए इंजीनियर मुकेश चौहान ने बताया कि इस योजना को तैयार करने से पहले बहुत सारी कोशिश की गई. इस योजना से मध्य प्रदेश के दो जिले खंडवा और बुरहानपुर लाभान्वित होंगे. इसके साथ ही महाराष्टप्त के चार जिले भी इससे लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सबसे जागरूक इंदौर शहर को माना जाता है । इस शहर में इंदौर नगर निगम और राज्य सरकार के द्वारा लगातार बारिश के मौसम में नागरिकों के घरों पर आने वाले पानी को जमीन के अंदर पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इंदौर शहर के तीन लाख मकान का यदि पूरा पानी जमीन के अंदर भेज दिया जाए तो भी 18 एमसीएम पानी जमीन के अंदर जाता है. इस ताप्ती योजना से इससे 40 गुना पानी जमीन के अंदर जाएगा.
ताप्ती नहीं सबसे उम्रदराज नदी
पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस ने कहा कि ताप्ती नदी सबसे उम्रदराज नदी है और सतपुड़ा के पहाड़ भी हिमालय से ज्यादा पुराने हैं. ताप्ती नदी देश में श्रद्धा की प्रतीक रही है. इस नदी में इस योजना के तहत जो जमीन के अंदर पानी भेजने का काम होगा उस पानी को यदि हम जमीन के ऊपर संग्रहित करने की कोशिश करें तो उसमें 2 लाख हेक्टेयर जमीन लगेगी. कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी मुकुंद कुलकर्णी, सांसद शंकर लालवानी, नगर निगम के पूर्व सभापति अजय सिंह नरूका, पूर्व पार्षद सूरज केरो, इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष हरिनारायण यादव, इंदौर नगर निगम के पूर्व आयुक्त सी बी सिंह, इंजीनियर अतुल सेठ, यूके जैन, जीएसआइटीएस के डायरेक्टर विजय रोडे उपस्थित थे. प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत शफी शेख, रामेश्वर गुप्ता, नूर मोहम्मद कुरैशी, कमलेश पारे, वीएस सोलंकी ने दिया. संस्था का परिचय आलोक खरे ने दिया. संचालन इंजीनियर कोमल प्रसाद और डॉक्टर संदीप नारुलकर ने किया. आभार प्रदर्शन रामेश्वर गुप्ता ने किया.
योजना समय की मांग
कार्यक्रम में महाराष्ट्र राज्य के पूर्व सूचना आयुक्त वी डी पाटील ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने का काम वर्ष 2014 में शुरू किया गया था । महाराष्ट्र में तो अभी भी जमीन में 300 फीट के अंदर पानी आ जाता है लेकिन बुरहानपुर में यह पानी 700 फीट के बाद में आता है. यदि हम कहीं पर छोटा तालाब बनाकर पानी का संग्रहण करते हैं तो यह पाते हैं कि जब तालाब भरा जाता है तो उसका 30 दिन के अंदर वह अपनी जमीन के अंदर चला जाता है. इस योजना को लेकर अब तक 52 बैठक हो चुकी है. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता के के सोनगरिया ने कहा कि यह योजना इस समय की मांग है. हम जमीन के अंदर से जितना पानी लेते हैं उतना पानी पुनर्भरण के माध्यम से जमीन के अंदर नहीं भेज पा रहे हैं