दफ्तर परिसर में स्वच्छता अभियान लग रहा पलीता, दफ्तर खुलता भी है की नही सब है भगवान भरोसे
देवसर : स्थानीय मुख्यालय के एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना कार्यालय के प्रशासक एवं सहायक परियोजना का प्रभार एसडीएम एवं सीईओ जनपद के पास है। 11 वर्षो से उक्त विभाग के दोनों महत्वपूर्ण पद बैशाखी के सहारे चल रहा है। जिसको लेकर विपक्षी प्रमुख दल के नेता कांग्रेसी इन दिनों प्रदेश सरकार एवं बीजेपी आदिवासी नेताओं को कोस रहे हैं।गौरतलब है कि प्रदेश सरकार आदिवासियों के कल्याणकारी कई योजनाए संचालित कर आदिवासियों को अपने पक्ष में लाने के लिए बीजेपी सरकार हर संभव प्रयास करती आ रही है और अभी तक इसमें सफल रही है।
लेकिन आदिवासियों के जुड़े विभाग में यदि एक दशक से मुखिया विहीन हो तो उस विभाग का निचला अमला योजनाओं के क्रियान्वयन कराने में कितना कारगर साबित होता होगा। एकीकृत आदिवासी विकास विभाग इसका ज्वलंत उदाहरण हैं। एक ओर एसी ट्राइवल मुखिया विहीन है। वही दूसरी ओर देवसर एक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना में प्रशासक एवं सहायक प्रशासक पिछले 11 वर्षो से नही है। प्रशासक का प्रभार एसडीएम एवं सहायक परियोजना प्रशासक का प्रभार सीईओ जनपद देवसर के पास है। आलम यह है कि एक ओर जहां दफ्तर का कामकाज भगवान भरोसे है। वही दफ्तर परिसर में साफ-सफाई भी नदारत है।
भाजपा नेता पद के सहारे करते हैं कमाई: द्विवेदी
इस संबंध में जिला क ांग्रेस कमेटी सिंगरौली ग्रामीण के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ने बीजेपी के आदिवासी नेताओं एवं प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुये कहा कि केवल दिखावे के लिए आदिवासी के नेता बनते हैं। जिन्हें अपने समाज के विकास की चिंता नही है। वे दूसरे की चिन्ता क्या करेंगे। उन्हें केवल पद के सहारे कमाई का जरिया बनाना है। उक्त दफ्तर में पहले आईएएस रैंक के अधिकारी पदस्थ होते थे और मौजूदा समय में उक्त दफ्तर में विरान जैसे हालत में है।